स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने कहा है कि वृध्दों के संदर्भ में राष्ट्रीय नीति की समीक्षा शीघ्र ही की जाएगी। वासनिक ने विकासशील राष्ट्रीय मनोभ्रंश रणनीति के लिए विशेषज्ञों की एक दो दिवसीय सलाहकार बैठक के समापन कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत सरकार वृध्दों की बेहतरी को सुनिश्चित करने के लिए वचनबध्द है जिसमें मनोभ्रंश जैसे शारीरिक अवस्था भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में विभिन्न पहलों के अंतर्गत, वृध्दों के लिए एक राष्ट्रीय नीति, माता-पिता की देखभाल और कल्याण एवं वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 को पेश किया गया। वृध्दों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए वृध्दों की समेकित योजना प्रारंभ की जा चुकी है इसमें अल्जीमर्स बीमारी, मनोभ्रंश रोगियों आदि के लिए दिवस देखभाल केन्द्रों को चलाने वाली योजनाएं भी शामिल हैं।
वासनिक ने इन रोगों से पीड़ित लोगों की देखभाल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मनोभ्रंश से पीड़ित लोगों को चौबीस घंटे देखभाल की जरूरत होती है। उन्हें प्रतिदिन के क्रियाकलापों जैसे खाना, नहाना, कपड़े पहनने में भी सहायता की जरूरत होती है इसलिए उनकी इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धैर्य, समझबूझ और सावधानी की जरूरत होती है।
विश्व अल्जीमर्स की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 36 मिलियन लोग मनोभ्रंश से पीड़ित हैं और भारत में इसके करीब 3 मिलियन रोगी हैं।