प्रदीप श्रीवास्तव
निज़ामाबाद (आंध्र प्रदेश). भारतीय डाक विभाग के एक सौ पचास साल के इतिहास को पलटकर देखें तो आप को जानकर ताज्जुब होगा कि डाक विभाग ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पर अब तक केवल एक ही डाक टिकट निकला है, जो एकल न होकर उसमें माता सीता, भाई लक्ष्मण एवं महाऋषि वाल्मीकि जी भी अंकित हैं, लेकिन प्रभु ईसा मसीह पर डाक विभाग वालों ने इस दौरान अस्सी से अधिक डाक टिकट टिकट जारी कर चुका है. यह इस देश की विडम्बना ही है कि अपने अराध्य देव को भुलाकर डाक विभाग ईसा मसीह पर डाक टिकटें जारी करता जा रहा है. विभाग ने इसी वर्ष 21 फरवरी को बाइबिल सोसायटी आफ इंडिया पर पांच रुपये मूल्य का एक टिकट जारी किया है. भगवान राम पर एक भी डाक टिकट जारी करने की जहमत डाक विभाग नहीं उठा रहा है. श्रीराम के सन्दर्भ में देखें तो भारत से कहीं अच्छा छोटा-सा देश इंडोनेशिया है, जहां पर केवल श्रीराम ही नहीं बल्कि माता सीता, हनुमान, श्री कृष्ण, बलराम, भीम और यहां तक कि रावण पर भी टिकट जारी किये हैं. पूर्वी एशियाई देश ताओस में भी भारतीय देवी-देवताओं पर डाक टिकट जारी हो चुके हैं, जिनमें भगवान गणेश, हनुमान, ब्रह्मा, सरस्वती, इन्द्र, गरुण, दुर्गा, शिव-पार्वती, बुद्ध आदि शामिल हैं. आश्चर्य तो तब होता है जब यमन जैसे मुस्लिम देश में भी भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता पर सन 1967 में जारी किया था. वहीं अरब के अजमान जैसे छोटे से मुस्लिम देश ने अपने यहां श्री राधा-कृष्ण पर डाक टिकट निकलने में नहीं हिचका. हिन्दू देवी -वताओं पर डाक टिकट निकालने वाले अन्य देशों का उल्लेख करना यहां अप्रासंगिक नहीं होगा, जहां हिन्दू देवी-देवताओं पर डाक टिकट निकले जा चुके हैं व निकले जा रहे हैं. पूर्वी जर्मनी ने अपने यहां दुर्गा एवम भगवान महावीर पर डाक टिकट निकला है वही चीन, मलेशिया, थाईलैंड, एवं वियतनाम जैसे देशों में हिन्दू-देवी-देवताओं पर डाक टिकट जारी किये जा चुके हैं, लेकिन भारत में अपने देवी-देवताओं पर न के बराबर टिकट जारी हुए हैं. इसे विडम्बना नहीं तो क्या कहेंगे कि श्री रामचरित मानस एवं उसके रचियता गोस्वामी तुलसीदास तथा श्रीमद भागवत गीता पर भी डाक टिकट निकल चुका है, लेकिन गोस्वामी तुलसीदास के इष्टदेव भगवान श्रीराम पर आज तक भारत सरकार एवं डाक विभाग ने एक भी एकल डाक टिकट निकलने कि ज़रूरत ही नहीं समझी.
डाक टिकटों के संग्रह करता एवं अवकाश प्राप्त पोस्ट मास्टर (डाक पाल) जे. सुब्रह्मण्यम के मुताबिक भारत में भगवान राम पर आज तक केवल एक ही डाक टिकट जारी हुआ है, वह भी एकल नहीं बल्कि माता सीता, लक्ष्मण एवम वाल्मीकि जी के चित्र भी शामिल हैं. उनके मुताबिक भारत कि तुलना में अन्य देशों जैसे इंडोनेशिया, चीन, थाईलैंड आदि देशों में हिन्दू देवी-देवताओं पर तमाम डाक टिकट जारी किये जा चुके हैं. इंडोनेशिया के डाक टिकटों मे राम, सीता कृष्ण, बलराम के अलावा सूर्पनखा, रावण के चित्र भी शामिल हैं. वहीं लाओस द्वारा जारी डाक टिकटों में भी आप कों हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र मिलेंगें. पडोसी देश श्रीलंका ने विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी पर एक आकर्षक डाक टिकट निकला है.

डाक-टिकट का अवलोकन करें तो इस बात का पता चलता है कि भारतीय संस्कृति कितनी महान व समृद्ध है, तभी तो सैट समंदर पर के देश हमारे देवी-देवताओं पर डाक टिकट निकालते रहते हैं, पर भारत तो पश्चिमी सभ्यता के आवरण में अपने को समाहित करने में लगा हुआ है. तभी तो भारत ने अब तक प्रभु ईसा मसीह पर अस्सी से अधिक डाक टिकट निकल चुका है, जबकि मिले आंकड़ों के मुताबिक पूरे विश्व मे प्रभु ईसा मसीह पर लगभग तेरह सौ प्रकार के डाक टिकट निकल चुके हैं, लेकिन भारत ने ही अपने अराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पर एकल डाक टिकट निकलने कि जहमत नहीं उठाना चाहता है डाक विभाग.

(लेखक के विचार से संपादक का सहमत होना ज़रूरी नहीं है)

5 Comments

  1. भारतीय नागरिक - Indian Citizen Says:
  2. भैये, साम्प्रदायिक घोषित हो जायेंगे. कहां लिख रहे हो राम पर. लिखना है तो राम की आलोचना करो भैये.

     
  3. Amit Sharma Says:
  4. आइये सभी हिन्दू मिलकर आत्महत्या कर लें .

     
  5. Amit Sharma Says:
  6. आइये सभी हिन्दू मिलकर आत्महत्या कर लें .

     
  7. Suresh Chiplunkar Says:
  8. हमारी सरकारें सेकुलर तो हैं ही धार्मिक भावनाओं का खयाल भी रखती हैं… ईसा मसीह के डाक टिकट पर पोस्ट मास्टर ठोकेगा तो भावनायें आहत होंगी… इसीलिये राम के नाम के टिकट नहीं निकाले… खामखा शिवसेना और श्रीराम सेना को काम मिल जायेगा…। इटली की जय, वेटिकन की जय बोलिये और चुपचाप काम पर लगिये… :)

     
  9. vedvyathit Says:
  10. meri pyari bhn firdaus s desh ke netaon ko ram se is liye dr lgta hai ki khi desh me aadrsh v chritr ki baten n hone lge schchai kibaten n hone lgen desh ke mhan spoot mhatma gandhi ji n sree ram ka bkhan bemtlb nhi kiya tha aakhir ve ram raj ki baten kyon krte the kyon ki ram ka raj jnta ka raj tha jhan jn sadhrn srvopri tha pr aaj neta sropri hai unhe vishesadhikar hai jnta bhookhi mre to mre unhe kya unhe sb suvidhyen uplbdh hain fir ve ram ko kyon yad krenge isi liye is desh me sree ram ka jikr bemani ho gya hai
    aap ne ek bda kam kiya hai aap ko hardik sadhuvad
    dr. ved vyathit

     

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