किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह

बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह

किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी
छुपेगा वो किसी बदली में चांदनी की तरह

कभी न सोचा था हमने ‘क़तील’ उस के लिए
करेगा हम पे सितम वो भी हर किसी की तरह
-क़तील शिफ़ाई 

0 Comments

    Post a Comment





    मौसम

    Subscribe via email

    Enter your email address:

    Delivered by FeedBurner




    आज का दिन

    आज का दिन
    27 अप्रैल, 2010 मंगलवार, 12 जुमाद अल-उला हिजरी 1431. 7 वैशाख (सौर) शक 1932, वैशाख मास 14 प्रविष्टे 2067, अधिक वैशाख शुक्ल चतुर्दशी सायं 7 बजकर 54 मिनट तक उपरान्त पूर्णिमा, हस्त नक्षत्र प्रात: 6 बजकर 39 मिनट तदनन्तर चित्र नक्षत्र रात्रि 5 बजकर 7 मिनट तक पश्चात स्वाति नक्षत्र, हर्षण योग प्रात: 7 बजकर 40 मिनट तक तदनन्तर वज्र योग रात्रि 4 बजकर 42 मिनट तक उपरान्त सिद्धि (असक) योग, गर करण, चन्दमा सायं 5 बजकर 51 मिनट तक कन्या राशि में उपरान्त तुला राशि में. व्रतादि की पुरूषोत्तमी पूर्णिमा. श्री सत्यनारायण व्रत. सूर्य उत्तरायण. सूर्य उत्तर गोल. बसंतु ऋतु. सायं 3 बजे से सायं 4 बजकर 30 मिनट तक राहु काल. सूर्य : मीन राशि में, चंद्रमा : कन्या राशि में, बुध : मेष (वक्री) राशि में, शुक्र : वृष राशि में, मंगल : कर्क राशि में, वृहस्पति : कुंभ राशि में, शनि : कन्या (वक्री) राशि में, राहु : धनु राशि में, केतु : मिथुन राशि में

    कैमरे की नज़र से...

    इरफ़ान का कार्टून कोना

    इरफ़ान का कार्टून कोना
    To visit more irfan's cartoons click on the cartoon

    .

    .

    ई-अख़बार

    ई-अख़बार

    Blog

    • मेरी डायरी
      हमारी हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की साधना... - *संगीत प्रकृति के कण-कण में बसा है... चिड़ियों की चहचहाहट, नदियों का कल-कल करता जल, झरनों की झर-झर, हवा की सांय-सांय और रिमझिम बूंदों की टिप-टिप... सभी में...
    • Firdaus's Diary
      इस प्यार ने क्या कुछ बदला है... - सच! आज पहली बार सुबह सूरज निकला तो कितना भला लगा सूरज की सुनहरी किरनों ने चूम लिया बदन मेरा तुम थे कोसों दूर पर यूं लगा जैसे यह प्यार भरा पैगाम तुमन...
    • جہاںنُما
      مبارکباد -
    • ਹੀਰ
      ਸਜਣ ਬਿਨ ਰਾਤੀਂ ਹੋਇਯਾਂ ਵੱਡੀਆਂ - ਸਜਣ ਬਿਨ ਰਾਤੀਂ ਹੋਇਯਾਂ ਵੱਡੀਆਂ ਰਾਂਝਾ ਜੋਗੀ ਮੈਂ ਜੁਗਿਆਣੀ ਕਮਲੀ ਕਹਿ-ਕਹਿ ਛਡੀਆਂ ਮਾਸ ਝੜੇ ਝੜੀ ਪਿੰਜਰ ਹੋਇਯਾਂ ਕਰਕਨ ਲਗੀਆਂ ਹਡੀਆਂ ਮੈਂ ਇਆਣੀ ਨੇਹੁੰ ਕੀ ਜਾਣਾ ਬਿਰਹੁ ਤਣਾਵਾਂ ਕੀ ਗਡੀਆਂ...

    Search


    किस तरह की ख़बरें पढ़ना चाहते हैं?