स्टार न्यूज़ एजेंसी
अमृतसर (पंजाब). सिख संगठन दल खालसा द्वारा दिल्ली में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए इंसाफ़ की मांग करते आज आहूत पंजाब बंद के तहत अमृतसर रेलवे स्टेशन पर कई रेलगाड़ियां रोकी गईं, जिससे रेल यातायात ठप हो गया.

खालसा व उसके समर्थक संगठनों दमदमी टकसाल, दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति और शिरोमणि पंथिक काउंसिल के कार्यकर्ताओं ने आज सुबह रेल पटरियों पर जाम लगाकर नारेबाज़ी की. इससे शताब्दी एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, पश्चिम एक्सप्रेस, सुपर फास्ट, दादर, कटिहार एक्सप्रेस और टाटा मूरी सहित कई ट्रेनें लेट हो गईं.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जाम के कारण आज के लिए कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और कई ट्रेनों का मार्ग छोटा कर दिया गया है. पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाने वाली कई ट्रेनों को अंबाला और हरियाणा के अन्य स्टेशनों पर रोक दिया गया. इससे सैकड़ों यात्री अमृतसर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर फंस गए.

खालसा के प्रवक्ता कंवरपाल सिंह बिट्टू ने दावा किया है कि शिरोमणि अकाली (बादल) को छोड़कर बन को सभी सियासी और सामाजिक संगठनों का समर्थन हासिल है. उनका कहना है कि क़रीब 25 साल बीतने के बाद भी सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को इंसाफ़ नहीं मिला है.

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नसीहत देते कहा कि सिख संगठनों को अकाल तख्त साहिब पर अरदास कर दंगों के मृतकों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए. बंद से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि सरकार चैन-अमन को बरक़रार रखना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में प्रदेश में फिर से उग्रवाद को पनपने नहीं दिया जाएगा.

गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली (बादल) ने खुद को इस बंद से अलग रखा है.

2 Comments

  1. mehta Says:
  2. akali dal ne sahi kha hai

     
  3. परमजीत बाली Says:
  4. अब जब २५ साल तक न्याय नही मिलेगा तो और क्या चारा रह जाता है विरोध करने का.....

     

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अंदाज़-ए-बयां

एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है


जिसकी आंखों में कटी थीं सदियां
उसने सदियों की जुदाई दी है
-गुलज़ार

बस एक क्षण

मैं तुम्हारे साथ कुछ देर बैठना चाहता हूं
अपने अधूरे छूटे काम मैं फिर से पूरे कर लूंगा
तुम्हारे चेहरे से दूर मेरे हृदय को एक क्षण के लिए भी शांति नहीं मिलती
मेरे कार्यभार तटरहित समुद्र की तरह विशाल हो जाता है
और अब ग्रीष्म ऋतु की सांसें और सरसराहट मेरी खिड़की पर सुनाई दे रही हैं
मधुमक्खियां फूलों के दरबार में नृत्य कर रही हैं
तब लगता है ये तुम्हारे साथ खामोशी से बैठने और फुरसत से
जीवन के गीत गाने के क्षण हैं
-गीतांजलि से

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कहकशां...अगर तुमने हर हाल में ख़ुश रहने का फ़न सीख लिया तो यक़ीन कर लो कि ज़िन्दगी का सबसे बड़ा फ़न सीख लिया...ख़लील जिब्रान

रवायतें अपनी-अपनी

मेरे घर की अगर उपेक्षा, कर तू जाए राही
तुझ पर बादल-बिजली टूटे, तुझ पर बादल बिजली

मेरे घर अगर दुखी मन, हो तू जाए राही
मुझ पर बादल-बिजली टूटे, मुझ पर बादल-बिजली
-मेरा दागिस्तान से

आज का पंचांग

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तिथि संवत- मिति मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी, संवत् 2066, शाके 1931, रवि दक्षिणायने, हेमंत ऋतु, 17 जिल्काद, हिजरी सन् 1430, 6 नवंबर शुक्रवार...सूर्योदय कालीन नक्षत्र-मृगशीर्ष नक्षत्र दोपहर 2.19 तक पश्चात आद्र्रा, शिव योग तथा बालवकरण (भारतीय समयानुसार). ग्रह विचार-सूर्य, बुध व शुक्र- तुला, गुरु, राहु-मकर, मंगल, केतु- कर्क, शनि- कन्या तथा चंद्रमा मिथुन राशि में.

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