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फ़िरदौस ख़ान
सियासत  के लिहाज़ से देश के सबसे महत्वपूर्ण प्रांत उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज़ कुछ ही महीने रह गए हैं. लेकिन अभी तक कांग्रेस अपने संगठन को मज़बूती से खड़ा तक नहीं कर पाई है.  कभी यहां कांग्रेस जन-जन की पार्टी हुआ करती थी. आज हालत यह है कि पार्टी का बूथ स्तर का संगठन भी उतना मज़बूत नहीं है, जितना होना चाहिए. कांग्रेस को अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अच्छे नतीजे हासिल करने हैं, तो इसके लिए उसे बिना वक़्त गंवाये अपने संगठन को मज़बूत करना होगा.  उसे प्रदेश की बागडोर किसी युवा के हाथ में सौंपनी होगी. जतिन प्रसाद और आरपीएन सिंह भी यह ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभा सकते हैं. ये दोनों ही पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के क़रीबी माने जाते हैं.


हालांकि उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस ने पार्टी की प्रदेश इकाई में बदलाव करना शुरू कर दिया है. हाल ही में पार्टी के प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को हटाकर ग़ुलाम नबी आज़ाद को प्रभारी बनाया गया है. पार्टी अध्यक्ष निर्मल खत्री को भी बदले जाने के आसार हैं. विधानमंडल के नेता प्रदीप माथुर का बदला जाना भी तय माना जा रहा है.
कांग्रेस में बग़ावत भी थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस के छह विधायकों ने उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में क्रॊस वोटिंग की.  विधायक संजय प्रताप जायसवाल, माधुरी वर्मा, विजय दुबे, मोहम्मद मुसलिम, दिलनवाज़ और नवाब काज़िम अली ख़ान ने पार्टी उम्मीदवार कपिल सिब्बल के ख़िलाफ़ मतदान किया. बाद में राहुल गांधी के निर्देश पर इन सभी विधायकों को निष्कासित कर दिया गया. राहुल गांधी के इस कड़े रुख़ से संगठन को मज़बूती मिलेगी. इस तरह पार्टी के प्रति ईमानदार और आस्थावान नेताओं और कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाएगा.

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस काफ़ी सतर्क है. चुनावी रण में अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने में भी पार्टी काफ़ी सूझबूझ से काम लेना चाहती है. प्रदेश के सभी ज़िलों से 25 तक पैनल भेजे जाने तय किए गए हैं. पार्टी के प्रदेशाध्क्ष निर्मल खत्री ने पत्र जारी कर चुनाव लड़ेने वाले मज़बूत दावेदारों का पैनल ज़िलाध्यक्षों से मांगा हुआ है. जुलाई के पहले हफ़्ते में ही पैनल में से एक नाम पर मुहर लगा दी जाएगी. फिर अगस्त के पहले हफ़्ते में उम्मीदवारों की फ़ेहरिस्त जारी करने तैयारी होगी. फ़िलहाल सिटिंग विधायक वाली सीटों पर  पैनल नहीं बनवाया गया है. छह विधायकों के क्रॊस वोटिंग करने से पार्टी  कशमकश में  है. कांग्रेस विधायकों की सत्यनिष्ठा  को परखने के बाद ही अब टिकट तय करेगी.

कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश की चुनावी नैया पार करना आसान नहीं है. पार्टी की मुश्किल यह है कि वह पिछले काफ़ी अरसे से उत्तर प्रदेश में कोई ख़ास करिश्मा नहीं दिखा पा रही है. पार्टी के पास नेताओं की एक बड़ी फ़ौज होने के बावजूद कोई ऐसा चेहरा नहीं है, पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर सके. कांग्रेस के मुक़ाबले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का संगठन ज़्यादा मज़बूत नज़र आता है. यहां कांग्रेस को ऐसे नेता की ज़रूरत है, जो सीधा जनमानस और ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं से संवाद क़ायम कर सके. यहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पहले से ही तय है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उनका मुख्यमंत्री पर का उम्मीदवार कौन होगा. समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, इसमें कोई शक नहीं है. बहुजन समाज पार्टी में मायावती के अलावा कोई और इस पद का उम्मीदवार नहीं है. भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह हैं, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भी मौक़ा मिल सकता हैं. वह पार्टी के पिछड़े वर्ग का चेहरा हैं. उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है. पहले कांग्रेस, फिर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी पिछ्ड़े वर्ग के समर्थन की वजह से ही सत्ता तक पहुंच पाई हैं. इनके अलावा भाजपा की तरफ़ से मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम भी लिए जा सकते है. मगर कांग्रेस की तरफ़ से अभी कोई ऐसा चेहरा सामने नहीं आया, जिसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सके. क़ाबिले-ग़ौर है कि कभी उत्तर प्रदेश में एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस में नारायण दत्त तिवारी के बाद कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाया. वह 1988-1989 तक मुख्यमंत्री रहे.

पिछले दिनों देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जिस तरह क्षेत्रीय दलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए राष्ट्रीय दलों को यह बात समझ आ गई कि क्षेत्रीय दलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. देश में क्षेत्रीय दलों की महत्ता बढ़ी है. जनता भी अब क्षेत्रीय नेताओं को तरजीह देती है. बाहरी नेताओं के मुक़ाबले क्ष्रेत्रीय नेता अपने इलाक़े की समस्याओं को बेहतर समझते हैं. उन्हें मालूम होता है कि जनता क्या चाहती है. इसके अलावा अपने इलाक़े में उनकी हालत काफ़ी मज़बूत होती है. इलाक़े के कार्यकर्ताओं से भी उनका रिश्ता मज़बूत होता है.

अब कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति बनाते वक़्त कई बातों को ज़ेहन में रखना होगा. उसे सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए अपने पदाधिकारी तक करने होंगे. टिकट बंटवारे में भी एहतियात बरतनी होगी. विधानसभा स्तर के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी विश्वास में लेना होगा, क्योंकि जनता के बीच तो इन्हीं को जाना है. अगर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद का मज़बूत उम्मीदवार चुन लिया और बूथ स्तर तक पार्टी संगठन को मज़बूत कर लिया, तो बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा सकती है. राहुल गांधी को चाहिए कि वे पार्टी के आख़िरी कार्यकर्ता तक से संवाद करें. उनकी पहुंच हर कार्यकर्ता तक और कार्यकर्ता की पहुंच राहुल गांधी तक होनी चाहिए, फिर कांग्रेस को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा.


नई दिल्ली. राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी मिली है. इसके बाद सोमवार को कांग्रेस ने गृह मंत्री से अपने राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने राजनाथ सिंह से इस सिलसिले में मुलाक़ात भी की है. प्रतिनिधि मंडल में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, कोषाध्‍यक्ष मोतीलाल वोरा, आनंद शर्मा और राजीव शुक्‍ला शामिल थे.
ग़ौरतलब है कि राहुल गांधी की सुरक्षा का ज़िम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के पास है. फ़िलहाल, सिर्फ़ 6 लोगों को एसपीजी कवर मिला हुआ है. इनमें राहुल गांधी के अलावा उनकी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका वाड्रा गांधी, मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक़ धमकी भरा पत्र 4 मई को पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता वी नारायणसामी को मिला, जो पुड्डुचेरी कांग्रेस के दफ़्तर भेजा गया था. इसमें राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी गई है. पत्र तमिल भाषा में लिखा गया है. इसमें इसमें लिखा गया कि राहुल गांधी जब कराईकल में सभा को संबोधित करेंगे, तो उन्‍हें धमाके से उड़ा दिया जाएगा. सनद रहे कि राहुल गांधी मंगलवार को काराइकाल का दौरा करने वाले हैं. वह यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि हमें ऐसी जानकारी मिली है कि एसपीजी में 400 अफ़सरों और सुरक्षाकर्मियों  को इधर-उधर किया जा रहा है. नये लोगों की भर्ती की बात है. एसपीजी पीएम और कांग्रेस के तीन नेताओं की सिक्युरिटी करती है. उनकी ट्रेनिंग भी हार्ड होती है. इसमें सीआईएसएफ़, सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ के लोग आते हैं. ऐसे में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले की क्या ज़रूरत है? हमने अपने नेता के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है.


फ़िरदौस ख़ान 
कांग्रेस ने हिसार विधानसभा से जिन्दल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिन्दल को उम्मीदवार बनाया हैं. वह चुनावी मुहिम के तहत इलाक़ों का दौरा कर रही हैं और उन्हें लोगों का ख़ासा समर्थन मिल रहा है. उनकी दावेदारी मज़बूत मानी जा रही है. उनके मुक़ाबले में भारतीय जनता पार्टी के डॊ. कमल गुप्ता और इंडियन नेशनल लोकदल के भीम महाजन चुनाव मैदान में हैं.

ग़ौरतलब है कि जिन्दल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिन्दल ने अपने पति ओमप्रकाश जिन्दल की मौत के बाद कारोबार को बख़ूबी संभाल कर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं को मौक़ा मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कमतर नहीं हैं. कुछ साल पहले तक सावित्री जिन्दल को कोई नहीं जानता था. 31 मार्च 2005 को एक हेलीकॊप्टर हादसे में ओमप्रकाश जिन्दल की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद सावित्री जिन्दल ने न सिर्फ़ जिन्दल समूह की ज़िम्मेदारी संभाली, बल्कि अपने पति की सियासी विरासत को भी आगे बढ़ाया. वह हिसार विधानसभा सीट के 2006 के उपचुनाव में जीतीं और राजस्व पुनर्वास एवं आवास मंत्री बनीं. इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनाव में भी वह हिसार विधानसभा सीट से चुनाव जीत गईं और मंत्री बनीं.

अमीरों का लेखा-जोखा रखने वाली अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की फ़ेहरिस्त में सावित्री जिन्दल को भारत की सबसे अमीर महिला क़रार दिया गया है. उनके खाते में 12.2 अरब डॊलर की संपत्ति है. वह उद्योगपति के तौर तब सामने आईं, जब फोर्ब्स ने 2008 में उन्हें देश की सबसे अमीर महिला बताया. इसके बाद 2009 में भी उनका जलवा बरक़रार रहा. साथ ही उन्हें दुनिया की सातवीं सबसे अमीर महिला का ख़िताब मिला. अगले साल भी देश की सबसे अमीर महिला का ताज उनके उनके पास रहा. आज देश-विदेश में जिन्दल समूह के 50 से ज़्यादा प्लांट हैं. लोहा, इस्पात और पावर के क्षेत्र में जिन्दल समूह की दुनियाभर में पहचान है. उनके पति ओमप्रकाश जिन्दल ने 1952 में इसकी स्थापना की थी. कारोबार उनके चारों बेटे संभालते हैं. जिंदल शॉ लिमिटेड जी ज़िम्मेदारी पृथ्वी जिंदल संभालते हैं, जबकि जेएसडब्ल्यू ग्रुप ऑफ कंपनी को सज्जन जिंदल, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड को रतन जिंदल और जिंदल स्टील एंड पॊवर लिमिटेड को नवीन जिंदल संभाल रहे हैं.
उनका मानना है कि अगर कोई भी महिला दृढ़ संकल्प कर ले, तो उसके लिए कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं है.


खुशदीप सहगल
'2014 का संदेश कमल और मोदी का है।'.... 'कमल पर दबाये बटन से आपका हर वोट सीधे मोदी को मिलेगा।'- ये शब्द किसी और के नहीं, खुद नरेंद्र मोदी के हैं। एक ऑडियो-वीडियो विज्ञापन में भी मोदी दहाड़ते देखे जा सकते हैं- 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।' प्रख्यात फिल्मी गीतकार प्रसून जोशी को मोटी फीस देकर लिखवाए गए इस गीत में पूरा जोर मोदी को 'लार्जर दैन लाइफ' छवि देने पर है, यानी देश को झुकने ना देने के लिए अकेले मोदी काफी हैं।

मोदी के प्रचार में और भी गीत सुने जा सकते हैं- 'अच्छे दिन आने वाले हैं, मोदी जी आने वाले हैं।'... 'इंद्र है, इंद्र है, नरों में इंद्र है।' हर जगह मोदी की कोशिश बेशक बीजेपी से पहले खुद को बताने की है। अब यह बात दूसरी है कि मुरली मनोहर जोशी देश में मोदी की नहीं, बीजेपी की हवा बता रहे हैं। आडवाणी मोदी को अच्छा 'इवेंट मैनेजर' कह रहे हैं। उमा भारती मोदी को 'अच्छा वक्ता' नहीं भीड़जुटाऊ नेता करार दे रही हैं।

सुपरमैन की छवि
मोदी के बीजेपी में 'स्वयंभू सर्वशक्तिमान' होने से पार्टी के कई नेता हैरान-परेशान हैं। पर इन सबको पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के जरिए मोदी का साफ संदेश है- बीजेपी में रहना होगा तो मोदी-मोदी कहना होगा। कुछ-कुछ फिल्म 'शोले' के हिट डॉयलॉग की तर्ज पर- 'अगर गब्बर के ताप से तुम्हें कोई शख्स बचा सकता है तो वो है खुद गब्बर।' मोदी की राजनीति की यह विशिष्ट शैली है। गुजरात में भी उन्होंने अपना सियासी कद इसी तरह बड़ा किया। इस दर्द को गुजरात के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- सुरेश मेहता, शंकर सिंह वाघेला और केशुभाई पटेल से ज्यादा अच्छी तरह और कौन समझता होगा।


मोदी अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व में भी अपनी लाइन से अलग बोलने वाले नेताओं को जिस तरह हाशिए पर ले जा रहे हैं, उस कार्यशैली से एक सवाल उठता है। मोदी जैसे अधिनायकवादी नेता के हाथ में अगर केंद्र की सत्ता की कमान आती है तो देश किस दिशा में अग्रसर होगा? भारतीय लोकतंत्र की अवधारणा जिस संसदीय जनवाद पर टिकी है, क्या देश उससे इतर नरम फासीवाद की लाइन पकड़ेगा?


भारत भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जितना विशाल और विविध है, उसे देखते हुए यहां कठोर फासीवाद के तत्काल जड़ें जमा लेने की गुंजाइश बहुत कम है। ऐसा अजेंडा बहुलतावादी भारत पर थोपना आसान नहीं है। मगर केंद्र में कोई अधिनायकवादी प्रधानमंत्री बनता है और कई राज्यों में उसके कठपुतली मुख्यमंत्री बनते हैं तो फिर कट्टर फासीवाद भी दूर की कौड़ी नहीं रहेगा। तब शायद दक्षिणपंथी अजेंडे से अलग मत रखने वालों के सामने समर्पण या मौन के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा। यह किसी से छुपा नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों से एक रणनीति के तहत मोदी की खास छवि बनाने की कोशिश की गई। प्रचारित किया गया कि मोदी इकलौते नेता है जो देश को बचा सकते हैं। मोदी ईमानदार है, कुशल प्रशासक हैं, त्वरित निर्णय लेते हैं, आदि आदि।

सवाल है कि मोदी क्या अकेले दम पर अपनी ये छवि गढ़ सकते थे? आखिर वे कौन से तत्व हैं, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को इतना तिलिस्मी बना दिया? उनका सबसे बड़ा मददगार है कॉर्पोरेट जगत। उसके बड़े खिलाड़ियों का एक सुर में मोदी की शान में कसीदे पढ़ना संयोग नहीं है। नव उदारवादी नीतियों को देश पर थोपने के लिए कारोबारियों को मोदी से ज्यादा मुफीद नेता कोई और नहीं दिख रहा। वेलफेयर स्टेट की धारणा के तहत चलने वाले महंगे सामाजिक कार्यक्रम अब कॉर्पोरेट जगत की आंख की किरकिरी बन गए हैं। यही हाल छोटे-मोटे कारोबारियों का भी है।

मोदी की सुपरमैन सरीखी छवि के लिए मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। मीडिया बड़े कारोबारियों से प्रभावित रहता है क्योंकि उनके विज्ञापनों से ही उसे अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा मिलता है। मोदी की मसीहाई छवि गढ़ने वाले लोग मध्यवर्ग की नाराजगी को भुनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। दरअसल मध्य वर्ग मानने लगा है कि मौजूदा आर्थिक नीतियां धन्ना सेठों को और अमीर बनाने वाली हैं। और सामाजिक कल्याण के नाम पर सारी मदद गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए है। मिडिल क्लास नाराज है कि अपनी कमाई से पूरा टैक्स देने के बावजूद उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

याद आएंगे वाजपेयी
ये तो वो कारण हैं, जिनकी वजह से मोदी सुपरब्रैंड नजर आ रहे हैं। लेकिन, इन पर ही पूरा देश सीमित नहीं हो जाता। कर्नाटक को छोड़ दें, तो दक्षिण और पूर्व भारत में अभी तक बीजेपी की नाम की ही मौजूदगी रही है। केंद्र में दमदार नेता होना जरूरी है, लेकिन देश की सामूहिकता भी बहुत मायने रखती है। देश के अल्पसंख्यक दिल्ली की गद्दी पर ऐसे नेता को देखना चाहते हैं, जिससे उन्हें अपनी सुरक्षा की पूरी गारंटी मिले। बीजेपी लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े से अगर दूर रह जाती है तो उसके पोस्टरबॉय मोदी उसके लिए कमजोरी भी बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो बीजेपी को सबसे ज्यादा याद मोदी को कभी राजधर्म की नसीहत देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आएगी।



फ़िरदौस ख़ान 
हाल में हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए. दोनों ही चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे रहे. जहां हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को कामयाबी मिली, वहीं गुजरात में पार्टी के वोट फ़ीसद में इज़ाफ़ा हुआ और कांग्रेस को पिछली बार से दो ज़्यादा सीटें यानी 61 सीटें मिली हैं.

हिमाचल प्रदेश विद्यानसभा चुनाव में 68 सीटों के लिए मतदान हुआ. कांग्रेस ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की, भारतीय जनता (भाजपा) पार्टी  को 26 सीटों पर जीत मिली, जबकि निर्दलीय पांच सीटों पर और हिमाचल लोकहित कांग्रेस एक सीट पर विजयी रही. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. पांच बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष 78 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण सीट पर जीत दर्ज की. वीरभद्र सिंह ने इस क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के ईश्वर रोहल को 20 हज़ार वोटों से हराया. इस चुनाव में रिकॉर्ड 74.7 फ़ीसद मतदान हुआ.

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इस बार 1990 के चुनाव के बाद सर्वाधिक सीटें हासिल की हैं. 2007 में गुजरात चुनाव में कांग्रेस का वोट फ़ीसद 38 था, जो अब बढ़कर 39 फ़ीसद हो गया है. 1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज़ 33 सीटें मिली थीं, जबकि इससे पहले 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 149 सीटों के साथ गुजरात की सत्ता पर पूर्ण बहुमत के साथ क़ाबिज़ हुई थी. 1995 में उसके खाते में सिर्फ़ 45 सीटें आईं. इसी तरह 1998 में 53 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस को 2002 के चुनाव में 51 सीटें मिलीं. 2007 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीटों में थोड़ा इज़ाफ़ा किया और वह 59 के स्तर पर पहुंच गई.

भाजपा सत्ता में तो लौट आई, लेकिन उसकी सीटों की संख्या में पिछले चुनाव के मुक़ाबले दो की कमी आई है और उसका वोट तक़रीबन एक फ़ीसद कम हुआ है. भाजपा को इस बार 115 सीटें मिली हैं. पिछले चुनाव में उसे 117 सीटें मिली थीं. भाजपा का वोट फ़ीसद 49 के मुक़ाबले 48 हो गया है. हिमाचल में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. गौरतलब है कि गुजरात में इस बार 13 और 17 दिसंबर को दो चरणों में हुए मतदान में 71.30 फ़ीसद मतदान हुआ. पिछली बार मतदान का फ़ीसद 59 था.

बहरहाल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है.



फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने आज गुजरात के झालोड़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यूपीए सरकार की नीतियों पर रौशनी डाली.उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि गुजरात जा रहा हूं. हिन्दुस्तान का युवा हूं. गुजरात ने मुझे क्या दिया? और जो जवाब मुझे मिला वह मैं आपको बताना चाहता. और जो गुजरात ने मुझे दिया, दुनिया को दिया है. कहानी बताना चाहता हूं, आप गांधीजी को जानते हैं, गांधीजी का और मेरे परिवार का पुराना रिश्ता है. आज़ादी के समय जब मेरी दादी थी, पिता थे, बातचीत होती थी. मेरे पिता ने मुझे कहानी बताई, वो मैं आपको बताना चाहता हूं. आज़ादी का समय था. मोतीलाल नेहरु जी, जवाहरलाल नेहरु जी इलाहाबाद में रहते थे और साउथ अफ्रीका से गांधीजी आए. हमारे घर में रहने के लिए. मोतीलाल नेहरु जी को लगा देखो गांधीजी आए और मेरा जो पुत्र है वो चला गया. अंग्रेज़ों के साथ लड़ाई करता है. कभी इधर चला जाता है, कभी उधर चला जाता है. आंदोलन में. दिनभर लड़ता रहता है. कुछ दिन बाद अंग्रेज़ों ने जवाहरलाल नेहरु को अरेस्ट किया. आनंद भवन में गांधीजी और मोतीलाल नेहरु जी रह गए. मोतीलाल नेहरु जी को लगा भैया गांधी जी ने मेरे बच्चे को जेल भिजवा दिया. हर पिता को ऐसा लगेगा. रात का समय था, घबराए हुए थे. गांधी जी के कमरे से निकले, लाइट बंद थी. अंदर देखा तो गांधीजी कमरे में नहीं थे. कमरा ख़ाली था. सुबह के चार बजे थे. उन्होंने लाइट ऑन की तो देखा गांधी जी नीचे फ़र्श पर लेटे थे. गांधी जी जागे. मोतीलाल जी ने पूछा कंबल है, पलंग है और आप ज़मीन पर सो रहे हो? गांधी जी ने जवाब दिया. जवाहर लाल जेल में है. जेल में वह ज़मीन पर सो रहा है. इसीलिए मैं ज़मीन पर सो रहा हूं. अब ये इतिहास की सोच कहां से आई, यह गुजरात से आई. गुजरात की सोच है. यहां का इतिहास है. गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी प्यार से लड़ी.
अब आप जाओ साउथ अफ्रीका. मंडेला जी से पूछो कि भैया आपके गुरु कौन हैं? साउथ अफ्रीका मैं पहले आपने हिंसा की लड़ाई लड़ी हार गए और फिर अहिंसा की लड़ाई लड़ी जीत गए. और वह आपको बताएंगे, देखिए मेरे गुरु महात्मा गांधी है. गुजरात के महात्मा गांधी. जाइए अमेरिका, उनके राष्ट्रपति से पूछिए, उन्होंने कहा सिर्फ़ एक व्यक्ति उनको रास्ता दिखाता है और वह हैं महात्मा गांधी. और यह आपने दुनिया को दिया आपको मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपकी इस सोच ने मुझे गुरु दिया है. जो मुझे रास्ता दिखता है. जब मुझे होती है तो मैं उनसे जुड़ी किताब पढ़ता हूं. और बहुत गहरी सोच है उनकी. आजकल लोग कहते हैं कि भैया गांधीजी का वक़्त अब नहीं. बहुत ग़लत सोच है उनकी. जो राजनेता है, अगर वो ध्यान से पढ़े और समझे तो बहुत गहरी चीज़ें लिखी हैं गांधीजी ने. क्या लिखा? उन्होंने कहा देखो जब मेरे सामने कठिनाई होती है मुझे मालूम नहीं होता कि क्या करना है, तब मैं सोचता हूं कि जिससे सबसे कमज़ोर व्यक्ति का फ़ायदा होगा और अगर मुझे लगता है कि इससे सबसे कमज़ोर व्यक्ति को फ़ायदा होगा तो मैं उस काम को कर देता हूं. यह उनका नियम था. यह आपका इतिहास है. और यहां दूसरी सोच है. जब भी इनके सामने कोई कठिन दिसिज़न होता है तो यह सोचते हैं कि इससे सबसे अमीर व्यक्ति का फ़ायदा होगा तो मैं इसे कर डालता हूं. राजनेता का काम क्या होता है? ग़रीब को आवाज़ देना. गांधीजी ने कहा, गांधीजी आए, कांग्रेस पार्टी बंद पड़ी थी. हिन्दुस्तान की शक्ति कांग्रेस पार्टी में डाल दी. वह यह काम करते थे. कहते थे भैया राजनेता को अपने सपने दूसरी तरफ़ रख देने चाहिए औश्र जनता का सपना, जनता की सोच के लिए लड़ना चाहिए और यहां कैसा है, ऐसा लगता है कि गुजराती लोग कुछ नहीं कर रहे हैं. गुजरात आगे बढ़ रहा है तो सिर्फ़ एक व्यक्ति इस गुजरात को आगे बढ़ा रहा है. गुजरात का किसान, यहां का मज़दूर, आदिवासी, गुजरात का छोटा बिजनेसमैन, यह गुजरात को आगे नहीं बढ़ाते. सिर्फ़ एक व्यक्ति गुजरात को आगे ले जा रहा है. और यह बात दोहराई जाती है कि पहले कुछ नहीं होता था, अब होता है. सिर्फ़ एक व्यक्ति ही यह कर रहा है. यह कहा जा रहा है. कुरियन साहब थे उन्होंने अमूल को खड़ा किया. मगर नहीं आपके मुख्यमंत्री से पहले गुजरात में कुछ नहीं हुआ. आपके हाथ मैं मोबाइल है? यह आपको कैसे मिला? राजीव जी के साथ सैम पित्रोदा ने दिया. वह गुजरात के थे. आपके लोग जहां भी जाते हैं देश हो विदेश. डट के काम करते रहो. मगर नहीं गुजरात में विकास सिर्फ़ एक व्यक्ति करता है. ऐसा ही कहा जाता है. यूपीए की सरकार ने आपको मनरेगा दिया. मनरेगा का पैसा मिलता है आपको? हमने कहा, हर ग़रीब को हम रोज़गार का अधिकार देंगे. आज बीजेपी के लोग भ्रष्टाचार की बात करते हैं, लोकपाल की बात करते हैं. आरटीआई किसने दिया? कांग्रेस पार्टी ने. क्यों दिया? आम आदमी को आवाज़ देने के लिए. कोई भी सवाल आप सरकार के संबंध में पूछ सकते हो. मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी. किसी ने आरटीआई डाल दिया कि भैया राहुल गांधी प्रधानमंत्री को क्या कह रहा है और वह अख़बारों में आ गया. इससे आपको शक्ति मिली. और यहां क्या होता है. कोई सुनवाई नहीं होती. डेढ़ लाख आदिवासी हैं, उनको ज़मीन नहीं मिली. आपकी आवाज़ दबा दी गई. सिर्फ़ एक आवाज़ सुनाई देती है आपके चीफ़ मिनिस्टर की. बाक़ी की आवाज़ दबा दी जाती है. विधानसभा में आपने वोट दिया. कितने दिन मिलती है असेंबली साल में? 24 दिन विधानसभा चलती है. आपकी आवाज़ दबाई जा रही है. लोकपाल बिल की बात की. लोकायुक्त है गुजरात में? भ्रष्टाचार की बात करते हैं, लेकिन न तो आरटीआई, न ही लोकपाल बिल का समर्थन करते हैं. अच्छा आप बताओ, कहते हैं गुजरात चमक रहा है. कितने दिन पानी मिलता है आपको? पीने का पानी, सिचाई का पानी है? रोज़गार है? यहां कोई उद्योग आया? कहां हुआ करोड़ों का इवेंस्टमेंट? मार्केटिंग बहुत अच्छी है. गुजरात चमक रहा है. भ्रष्टाचार नहीं है. मगर मार्केटिंग सिर्फ़ एक व्यक्ति की होती है. बाक़ी गुजरात की आवाज़ नहीं सुनाई देती। आपको यहां बदलाव लाना है. गुजरात की आवाज़ सुनाई देनी चाहिए. एक व्यक्ति प्रदेश को आगे नहीं बढ़ाता है. युवा, महिलाएं गुजरात को आगे बढ़ाते हैं. अंग्रेजी में कहते हैं मेरे पास आया, मेरी घड़ी देखी और मुझे टाइम बता दिया. यहां यही होता है. आप लोग काम करते हो, पसीना देते हो और एक व्यक्ति कहता है मैंने किया. आप में शक्ति है, आप पूरी दुनिया को बदल सकते हो. आदिवासी, ग़रीबों को साथ लेकर आगे बढ़ना है. यही कांग्रेस पार्टी की कोशिश होगी. 2004 से आपने यह करके दिखाया है. हमारे सारे प्रोग्राम ग़रीबों के लिए हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि अगर देश आगे बढ़ता है तो उसे ग़रीब और किसान आगे बढ़ाते हैं. कांग्रेस पार्टी को वोट दीजिए और यहां कांग्रेस की सरकार बनाइए. आप सब दूर- दूर से आए. इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.जयहिंद.



फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने आज गुजरात के पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते कहा की राजनेताओं को जनता की आवाज़ सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले जब मैं गुजरात आ रहा था, जहाज़ में बैठा था. मैंने सोचा मैं गुजरात भाषण देने जा रहा हूं. गुजरात की जनता से बात करने जा रहा हूं. गुजरात ने मुझे क्या दिया? थोड़ी देर मैंने सोचा और जो मेरे दिमाग़ में आया, मैं आपको बताना चाहता हूं कि गुजरात ने इस देश के युवा को या तोहफ़ा दिया. कोई बता सकता है बताइए? आप बताइये? गुजरात ने क्या दिया मैं बताता हूं. जब मैं छोटा था, मेरे परिवार मैं जब हम भोजन खाते थे जब दादी मेरी ज़िन्दा थीं, पापा थे तो बातचीत चलती थी राजनीतिक बातचीत चलती थी. यहां क्या हो रहा है और फिर आज़ादी की लड़ाई के बारे में बातचीत चलती थी.  उन दिनों क्या हुआ? किसने क्या किया और गांधी जी के बारे में बातचीत चलती थी. दो दिन पहले मैंने भाषण में कहा, कहानी बताई कि जब मेरे परदादा जेल में थे गांधी जी हमारे इलाहाबाद में घर में रह रहे थे. मोती लाल जी घबराये हुए थे बाहर घूम रहे थे. रात का समय था चक्कर काट रहे थे कि मेरा बेटा बंद है जेल में. गांधी जी के कमरे से निकलने वाली लाइट बंद थी. अंदर देखा पलंग पर उनको कोई नहीं दिखाई दिया. लाइट ऑन की अंदर देखा गांधी जी जमीन पर सो रहे थे. पलंग पड़ा था कमरे में मगर गांधी जी फ़र्श पर सो रहे थे और मोती लाल जी ने गांधी जी से कहा यह आप क्या कर रहे हो कमरे में पलंग है रजाई है और यहां आप ठंडे फ़र्श पर क्यों सो रहे हो तो गांधी जी ने कहा जवहारलाल जेल में है, वो ठंडे फ़र्श पर सो रहा है, इसलिये मैं यहां ठंडे फ़र्श पर सो रहा हूं. गुजरात ने ये दिया है ये आपकी सोच है. गांधी जी क्या कहते थे, मैं युवा राजनेता हूं और मेरे पापा यहां आज नही हैं तो जब मेरे सामने मुश्किल होती है तो में ये सोचता हूं भाई कहां देखूं और मैं गांधी जी की किताबों में देखता हूं जब मुझे रास्ता नहीं दिखाई देता तो मैं उन किताबों में देखता हूं और रास्ता मुझे मिल जाता है. अब मैं आपको अपना नियम बताता हूं, जो हिंदुस्तान की राजनीति के सबसे बड़े गुरुजी थे वो गुजरात के थे महात्मा गांधी जी. उन्होंने जो नियम दिया है लोग कहते है कि राजनीति बहुत मुश्किल होती है. बहुत मुश्किल होती है. बिल्कुल ग़लत है. राजनीति से आसान बात कोई नहीं है, अगर आप नियम को ठीक से मानेंगे, तो नियम क्या है? नियम यह है कि हर आवाज़ को चाहे वो कितनी भी कमज़ोर हो हर आवाज़ को आप जाकर सुनो और हर आवाज़ को आप देश की प्रगति में शामिल करो और यह मेरा नियम नही है. यह मैंने नहीं सोचा यह गांधी जी ने सोचा है गीता में मिला उनको. और ये आपने दिया गुजरात की जनता ने दिया. गुजरात के इतिहास ने दिया. यह आपने हमें दिया और मुझे नहीं हर हिन्दुस्तानी युवा को. राजनीति करनी है जाओ जनता के बीच जाओ सुनो वो क्या कह रहे है. गुजरात में ग़रीबों की आवाज़ नहीं सुनाई देती, कमज़ोर लोगों की आवाज़ नहीं सुनाई देती, सिर्फ़ एक व्यक्ति की आवाज़ सुनाई देती है. वो सोचते हैं जो भी गुजरात में होता है वही करते हैं, जो प्रगति यहां आती है वही करते हैं. आपके हाथ में मोबाइल फोन है? दिखाओ? यह कौन लाया राजीव जी लाये, राजीव जी. इससे क्या हुआ क्रांति आई आपकी आवाज़ सुनाई दी. राजीव जी के साथ कौन खड़े थे सैम पित्रोदा. कहां के थे गुजरात के. आप काम करते हो पसीना देते हो और एक व्यक्ति गुजरात को आगे बढ़ाता है. अकेला और कोई नहीं है यहां पर। सिर्फ़ एक व्यक्ति है. पूरा ज्ञान है उनको सब चीज़ों के बारे में मालूम है उनको गुजरात को अकेले चलाते हैं. अच्छा मुझे बताओ पानी कितना मिलता है यहां, किसानों को कितना पानी मिलता है, अच्छा बिजली कितनी मिलती है? युवाओं को रोज़गार मिलता है? कहते हैं गुजरात चमक रहा है, कहते हैं भैया एक व्यक्ति ने गुजरात चमका दिया. देखिए राजनेता का काम है आम आदमी के सपने का समझना, आम आदमी के सपने को पकड़ना और अपने सपने नीचे रखकर उनके बारे में सोचना.



फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने आज गुजरात के जामनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए जनता से पार्टी उम्मीदवारों को समर्थन देने की अपील की. उन्होंने कहा कि मगर मैं आपसे कहना चहता था कि गुजरात ने मुझे क्या दिया. मैंने सोचा, दो से तीन मिनट. फिर जो मुझे जवाब मिला वो मैं आपको बताना चाहता हूं. जब मैं छोटा था मेरे पापा ने मुझे यह कहानी बताई थी. गांधीजी की कहानी थी. जब हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई चल रही थी, यह तब की कहानी है. गांधीजी आए थे, मोतीलाल नेहरू जी, जवाहर लाल नेहरू जी इलाहाबाद में रहते थे और जब गांधीजी हमारे घर में आए तो जवाहर लाल नेहरू जी आंदोलन में ज़ोरों से लग गए. मोतीलाल नेहरू जी को लगा कि मेरा जो लड़का है, उसको गांधीजी ने अपने कामों में लगा लिया. आगे-पीछे दौड़ रहा है. यहां नहीं आता है. अंग्रेजों ने जवाहर लाल जी को एक दिन अरेस्ट किया और वो जेल गए. मोतीलाल जी के बीच और गांधी जी के बीच थोड़ी टेंशन थी कि भैया मेरा बच्चा जेल में चला गया. सुबह के चार बजे थे. मोतीलाल जी सो नहीं पा रहे थे. आनंद भवन के चारों ओर चक्कर काट रहे थे. गांधी जी का कमरा था. लाइट बंद थी. झांका और देखा कि गांधीजी पलंग पर नहीं थे. अंधेरा था कमरे में. उन्होंने लाइट चालू की तो देखा कि एक कोने में गांधी जी लेटे हुए थे. पलंग पर नहीं थे, ज़मीन पर थे. सर्दी का समय था. जब उन्होंने लाइट जलाई गांधीजी जगे. मोतीलाल नेहरु जी ने पूछा कि आप यहां क्या कर रहे हैं? पलंग पर क्यों नहीं लेटे हैं? मोतीलाल जी पलंग पर सो रहे थे. गांधी जी उठे और बोले देखो, जवाहर लाल जेल में है, ज़मीन पर सो रहा है तो मैं पलंग में कैसे सो सकता हूं. यह आपका इतिहास है. यह गुजरात का इतिहास है. गुजरात का मतलब, यह इतिहास. और अगर मेरा राजनीति मैं कोई गुरु है तो वह गांधी जी हैं. कई लोग कहते हैं कि गांधीजी कि विचारधारा पुरानी है अब नहीं चलती . लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं इस विचारधारा को और उनको अपना गुरु क्यों मानता हूं. आठ साल से मैं राजनीति में हूं और हमारे सामने राजनेताओं के सामने कठिन डिसिजन आते हैं. ये करें या वो करें? और अगर राजनेता को लंबी सोच रखनी है तो उनको अपने लिए नियम बनाने पड़ते हैं कि भैया यह मेरा नियम है क़ानून है. चाहे कुछ भी हो जाए मैं इन नियम क़ानूनों को नहीं तोडूंगा, क्योंकि अगर आपके पास नियम-क़ानून ही नहीं तो आपकी लंबी सोच हो ही नहीं सकती है. गांधी जी का नियम क्या था? सिंपल सा नियम था. उनका यह क़ानून था कि हिन्दुस्तान के हर एक व्यक्ति को सिर्फ़ हिन्दुस्तान नहीं पूरी दुनिया के हर एक व्यक्ति की आवाज़ सुननी चाहिए. चाहे वह ग़रीब हो, अमीर हो, लंबा-छोटा. किसी प्रदेश का किसी धर्म का. हर व्यक्ति की आवाज़ होनी चाहिए और आज यहां मैं जो यह मीटिंग ले रहा हूं यह गांधीजी का काम है. अगर गांधीजी इस मीटिंग को तब नहीं चलाते तो इस देश में लोकतंत्र नहीं आ सकता था. यह मीटिंग नहीं हो सकती थी. यह गुजरात की देन है. गांधीजी की विचारधारा गुजरात की विचारधारा है. लोकतंत्र है देश में आपका काम है, सोच है आपकी देन है. अब आप देखिए. यूपीए की सरकार को देखिए. मनमोहन सिंह, सोनिया जी और बाक़ी जो हमारे मंत्री हैं. हमारे कार्यक्रमों को देखिए और सिर्फ़ यूपीए की सरकार को नहीं. पिछले 60-70 सालों को देखिए और मुझे एक कार्यक्रम का नाम बताइए जिसने किसी की आवाज़ छीनी हो. बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, हरित क्रांति लाए किसान की आवाज़ को आगे किया. आपके पास फ़ोन है? अच्छा हाथ उठा के दिखाओ जिसके पास फ़ोन है. सबके पास फ़ोन है. कंप्यूटर क्रांति का काम, टेलीकॉम का काम राजीव गांधी जी ने और सैम पित्रोदा ने किया है. यह जो आपके हाथ में है. सैम पित्रोदा गुजरात के हैं. इसमें भी आपका हाथ है. आप देश को बढ़ाते हो, देश को आवाज़ देते हो. मनरेगा दिया हमने. रोज़गार का अधिकार. हमने यह नहीं कहा, किसी विशेष को हम यह अधिकार देंगे. चाहे वह गुजरात का हो, पंजाब का हो, हरियाणा का हो. किसी धर्म का हो किसी जात का हो. रोज़गार का अधिकार उसे मिलेगा और यह हमने करके दिखाया. भ्रष्टाचार की बात होती है. जो पहले छुपा रहता था और जो गुजरात मैं आज भी छुपा रहता है उसे आरटीआई ने बाहर निकाला. हमें मालूम था जब हम आरटीआई को लागू करेंगे तो बहुत सारी चीज़ें बाहर निकलेंगी, लेकिन हमने किया. क्योंकि हम आप लोगों को आम आदमी का आवाज़ देना चाहते हैं. आदिवासियों के लिए उनकी ज़मीन वापस दी. उनको आवाज़  दी. भोजन के अधिकार की बात हो रही है. हर व्यक्ति को हम भोजन देने वाले हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि आप लोग इस देश की शक्ति हो. आम आदमी, ग़रीब, अमीर मगर आप सब इस देश, प्रदेश की शक्ति हो. और राजनेता का काम क्या होता है? जो गांधीजी ने सिखाया है. इस आवाज़ को सुनो और समझो. अपने जो सपने हैं उनको पूरा करो और आवाज़ के जो सपने हैं उनको सच करो. यह गांधीजी का सपना था. गुजरात में आम आदमी की आवाज़ नहीं चलती है. आपकी जो सरकार है आपके जो मुख्यमंत्री हैं. आपकी आवाज़ को नहीं सुनना चाहते हैं. जब गांधीजी उस कमरे में लेटे थे वह अपनी आवाज़ नहीं सुन रहे थे, जो जवाहर लाल नेहरु और उन हिन्दुस्तानियों की आवाज़ सुन रहे थे जो जेल में थे. राजनेता का यह मतलब होता है. यहां पर लोकतंत्र है, जो गांधीजी की देन है. गुजरात में असेंबली कितने दिन चलती है साल में? कितने दिन चलती है? 25 दिन चलती है. मानसून में एक दिन चलती है. आप वोट देते हो, आप कहते हो भैया हमारी आवाज़ है यह वोट और असेंबली 25 दिन चलती है पूरे साल में. और जब चलती है तो विपक्ष के लोगों को बाहर फेंक दिया जाता है कि वो कहीं ग़लत सवाल न खड़ा कर दें. जनलोकपाल की बात हुई. हम बिल लाए. संसद में बीजेपी ने हराया. बहुत ख़ुश थे उस दिन. मुस्कुरा रहे थे कि भैया हरा दिया हमने. गुजरात में लोकायुक्त है? नहीं है, क्योंकि यहां आपकी आवाज़ नहीं सुनाई देती है. यहां सिर्फ़ एक आवाज़ सुनाई देती है. आरटीआई में 14 हज़ार एप्लीकेशन पेंडिग हैं. क्यों? क्योंकि यहां आपकी आवाज़ नहीं सुनाई देती है. भ्रष्टाचार छुपा है बंद कमरों में. उसे बाहर लाना है, लेकिन एप्लीकेशन नहीं ली जाती हैं. और शक्ति आपकी आवाज में है. गुजरात के युवा, आम आदमी और आदिवासी में है. उस शक्ति को दबाया जा रहा है. बहुत अच्छी मार्केटिंग होती है. गुजरात चमक रहा है आप मुझे बताइए यहां पानी कितना मिल रहा है. हर तीसरे दिन मिलता है 25 मिनट पानी. मगर मार्केट में कहा जाता है कि गुजरात चमक रहा है. पानी नहीं है. रोज़गार नहीं है. 10 लाख युवाओं के पास रोज़गार नहीं है. मगर गुजरात में चमक है. बहुत अच्छी चमक है. चुनाव का समय है आपको डिसीज़न लेना है. मैं आपको सिर्फ़ एक बात कहना चाहता हूं. गुजरात को एक व्यक्ति नहीं चला सकता है और एक व्यक्ति नहीं चलता है. गुजरात को गुजरात की जनता आम आदमी चलाता है. जो आपके बच्चे स्कूल जाते हैं पढ़ते हैं वो चलाएंगे गुजरात. वो भविष्य हैं. आप में जो शक्ति है उसने सिर्फ़ गुजरात को नहीं बदला है. अभी यहां दिल्ली में ब्राजील के राष्ट्रपति आए. लूला’ उनसे बातचीत हो रही थी. मैंने उनसे पूछा कि भैया जब आप राजनीति के बारे में सोचते हो आपके नियम क्या हैं? एकदम गांधीजी. एक सेकेंड नहीं लगा. उधर नेल्सन मंडेला हैं. वह कहते हैं कि भैया जब मैं लड़ा गांधीजी की शक्ति मेरे साथ थी. और यह एक-दो नहीं लाखों नेता हैं, जिनमें मैं भी हूं. जिसको आपने रास्ता दिखाया है. आप दूर-दूर से आए इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं.


फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए जहां युवाओं और महिलाओं से राजनीति में आने की अपील की, वहीं भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा. क़ाबिले-गौर है कि भाजपा भ्रष्टाचार के मामले में बुरी तरह से फंसी हुई है. पार्टी के एक अध्यक्ष तो भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुके हैं और अब मौजूदा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जबकि पूरी पार्टी अपने नेताओं को बचाने में लगी हुई है. भाजपा के सरपरस्त राष्ट्रीय स्वयं सेवक को भी समझ नहीं आ रहा है कि वह भाजपा को कैसे बचाए. इसलिए आरएसएस नेता भी गडकरी के मामले में मुंह छुपाते फिर रहे हैं.          

जनसमूह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान में लाखों कराड़ों किसान हैं. जिनके लिए बैंक का दरवाज़ा बंद था. हमने क़र्ज़ माफ़ी की और लाखों किसानों को फ़ायदा मिला. इस पर विपक्ष के लोगों ने क्या कहा, जब हम मनरेगा की बात कह रहे थे संसद में खड़े होकर, रोकना शुरू किया. उसके ख़िलाफ़ बोले. क़र्ज़  माफ़ी की बात उठाई, खड़े होकर कहते हैं भैया पैसा कहां से आएगा? हमने दिखाया पैसा कहां से आएगा. अब एफडीआई की बात शुरू हुई. हमने कहा कि किसानों को फ़ायदा होना चाहिए. किसानों के पास कोल्डस्टोरज लगनी चाहिए, दिनभर काम करता है किसान. हिन्दुस्तान को अपना खून-पसीना देता है. हमने कहा, एफडीआई के माध्यम से किसान को फ़ायदा होना चाहिए. उसको पैसा मिलना चाहिए. फैक्ट्रियां लगें तो किसान के पास लगें और यहां क्या हो रहा है. बीजेपी के लोग एफडीआई का विरोध कर रहे हैं. ग़लत बात कह रहे हैं. आप उनसे एक बार पूछिए, जब उनकी दिल्ली में सरकार थी, तब उनका क्या विचार था एफडीआई के बारे में? तब वो इसके ख़िलाफ़ नहीं थे. तब वह बिल लाना चाहते थे और आज हम जो बिल लाए हैं उससे कमज़ोर बिल लाना चाहते थे. मगर आज जो कांग्रेस पार्टी कर रही है तो विपक्ष के लोग कहेंगे कि यह ग़लत है, मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान, एफडीआई ग़लत है. हम किसान के लिए लड़ते हैं. मज़दूर के लिए लड़ते हैं. अब आप मुझे बताइये पांच साल में हिमाचल की सरकार ने बिलासपुर के लिए क्या किया? मुझे बताइये एक भी जो किया? जहां भी में हिमाचल में जाता हूं लोग कहते हैं सड़कों की हालत देखिए, हमारी ज़मीन बेच दी. बाहर के लोगों को दे दी. भ्रष्टाचार  की बात करते हैं. उनसे आप पूछिए आरटीआई कौन लाया? पूछिए जनलोकपाल बिल को राज्यसभा में किसने हराया? उन्होंने हराया. जहां भी हमें भ्रष्टाचार मिलता है, हम कार्रवाई करते हैं. उनके नेताओं पर भी भ्रष्टाचार का सवाल उठा है.  कोई एक्शन लिया उन्होंने? एक भी शब्द नहीं कहा. यहां आप कांग्रेस पार्टी जिताइये. आम आदमी को जिताइये. सरकार को काम करना चाहिए. यहां कोई कमी नहीं है. टूरिज्म बढ़ सकता है. यहां तो किसान हैं. रोज़ काम करते हैं, पसीना देते हैं. उनकी मदद की जा सकती है और कांग्रेस पार्टी ही यह काम करेगी. रोज़गार के बारे में थोड़ा कहना चाहता हूं. सरकार यहां भाजपा की है. लाखों युवा यहां हैं. क्या आपको रोज़गार मिला? इन बातों को बदलना है. और आप ही बदल सकते हैं अपने वोट से. आप यहां कांग्रेस पार्टी की सरकार लाइए. दिल्ली में आपकी सरकार है और हम युवाओं की सरकार लाएंगे. ग़रीब लोगों की सरकार लाएंगे. किसान की सरकार की लाएंगे और हिमाचल प्रदेश को बदलेंगे. अंत में मैं आपसे कहना चाहता हूं कि युवाओं की ज़रूरत है और यहां जो युवा बैठा है. इस बात को सुन लो. जब तक नई पीढ़ी राजनीति में नहीं आएगी. जब तक आप लोग राजनीति में खड़े नहीं होंगे जब तक आप सिस्टम के बाहर खड़े होगे यह सिस्टम बदला नहीं जाएगा और यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप खड़े हो, राजनीति में आओ और सिस्टम को बदलो. अगर आप देखें जिन प्रदेशों में महिलाएं राजनीति में आई हैं. जहां महिलाएं जागरूक हुई हैं, वो प्रदेश तेज़ी से आगे बढ़े हैं. तो आपको भी राजनीति में आना है. प्रधानी, एमएलए, एमपी के चुनाव लड़ने हैं और हिन्दुस्तान को बदलना है. आप यहां बहुत-बहुत धन्यवाद. और हिमाचल में कांग्रेस पार्टी को जिताइये, प्रगति लाइये, विकास लाइये.

फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुत मेहनत की, लेकिन पार्टी के कमज़ोर संगठन की वजह से उन्हें वो कामयाबी नहीं मिल पाई जिसकी उम्मीद की जा रही थी...यह राहुल का बड़प्पन है कि उन्होंने हार की ज़िम्मेदारी ख़ुद ली है...उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं समाजवादी पार्टी, मुलायम सिंह यादव जी और अखिलेश को बधाई देना चाहता हूं कि यूपी की जनता ने उन्हें समर्थन दिया... और शुभकामनाएं देता हूं कि वो राज्य में अच्छा शासन करें... निश्चित रूप से मैंने यूपी चुनाव की ज़िम्मेदारी ली थी... मैं आगे खड़ा था, इसलिए ज़िम्मेदारी मेरी है... मैं हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं... हम चुनाव लड़े, पूरी मेहनत से लड़े, अगर हार हुई है तो इसके भी कारण हैं... हमने मेहनत की, लेकिन रिजल्ट जो आया, इतना अच्छा नहीं आया... इसके बारे में हम फिर से सोचेंगे...उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की बुनियाद कमज़ोर थी... उस बुनियाद को जब तक हम ठीक नहीं करेंगे, तब तक ये कमज़ोरी दूर नहीं होगी... हालांकि कुल मिलाकर यूपी में कांग्रेस की स्थिति में सुधार आया है, लेकिन हमें उसे और सुधारना होगा... इस हार को मैं एक सीख की तरह देखता हूं... इस हार के बाद मैं शायद और गहन विचार करूंगा, जो एक अच्छी बात है...मैंने यूपी की जनता से वादा किया है कि मैं उनके साथ हर जगह खड़ा रहूंगा, उन्हें गांवों में, शहरों में, सड़कों पर किसानों और ग़रीब लोगों के साथ दिखाई दूंगा, तो मैं उनके साथ रहूंगा... मेरा काम चलता रहेगा... मेरा काम है जनता के दुख-दर्द को दूर करना, तो मैं वो करता रहूंगा...मेरी पूरी कोशिश होगी कि यूपी में हम कांग्रेस पार्टी को हम खड़ा करें और एक दिन वहां जीतें...
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की जो हालत है, उसे देखते यह कहना क़तई ग़लत न होगा कि अगर यहां राहुल ने प्रचार न किया होता तो, कांग्रेस के लिए खाता खोलना भी मुश्किल हो जाता...उन्होंने 48 दिन उत्तर प्रदेश में गुज़ारे और 211 जनसभाएं कीं... अगर राहुल हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते तो कहा जा सकता था कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक होने के बावजूद उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के लिए कुछ नहीं किया...कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का यह कहना बिलकुल सही था कि अगर उत्तर प्रदेश में चुनाव नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं आते हैं, तो इसके लिए राहुल गांधी को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता...क्योंकि एक नेता माहौल बनाता है. इस माहौल को वोट और सीटों में तब्दील करना उम्मीदवारों और संगठन का काम है... इस चुनाव में राहुल गांधी ने बहुत मेहनत की है...इसे किसी भी सूरत में झुठलाया नहीं जा सकता है...राहुल के हाथ में कोई जादू की छड़ी तो नहीं है कि वो पल भर में हार को जीत में बदल दें...उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह से सीटों के बंटवारे को लेकर बवाल हुआ...बाहरी उम्मीदवारों को लेकर सवाल उठे और अपनों को टिकट दिलाने को लेकर अंदरूनी गुटबाज़ी सामने आई...राहुल गांधी ने हालात को बहुत संभाला है...जो हुआ, सो हुआ...कांग्रेस के लिए अब ज़रूरी है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र अपने संगठन को और मज़बूत बनाए...और ऐसी किसी भी ग़लती से बचे, जिससे विरोधियों को उसके ख़िलाफ़ आग उगलने का मौक़ा मिले...
क़ाबिले-गौर यह भी है कि कांग्रेस नेताओं की फ़िज़ूल की बयानबाज़ी और अति आत्मविश्वास ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है...तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि अगर कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक़ कामयाबी मिल जाती तो पार्टी नेता और ज़्यादा मगरूर हो जाते...ऐसे में 2014 के लोकसभा में कांग्रेस को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ता (पड़ सकता है)...बेहतर यही है कि कांग्रेस को इस हार से सबक़ लेते हुए पार्टी संगठन को मज़बूत बनाना चाहिए...राहुल को यह नहीं भूलना चाहिए कि जंग जांबाज़ सिपाहियों के दम पर जीती जाती है, मौक़ापरस्तों के सहारे नहीं...

स्टार न्यूज़ एजेंसी
रामपुर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने टांडा में जनसभा को संबोधित करते हुए सीधे स्थानीय मुद्दे पर लोगों से सवाल किया. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक़्त नेता लोगों से बहुत वादे करते हैं, कहते है कि ये कर देंगे, वो कर देंगे, लेकिन करते कुछ भी नहीं. आप लोगों के क्षेत्र में पुल की ज़रूरत है, आप लोग इसकी मांग कब से कर रहे हो?
राहुल गांधी के सवाल पर जनता ने बताया कि उनकी यह मांग पिछले बीस सालों से है, जिसे उत्तर प्रदेश की किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया. राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के वक़्त मुलायम सिंह जी कह रहे हैं, बिजली मुफ्त में देंगे, जब ख़ुद मुख्यमंत्री थे तो लोगों के घरो में चार घंटे ही बिजली आती थी. भीड़ ने तुरंत कहा कि चार घंटे तो बहुत ही कम, ज़्यादातर दो घंटे ही बिजली आती थी. जनता के इस जवाब पर राहुल गांधी ने कहा कि अब वो कह रहे है कि बिजली मुफ्त देंगे. मुफ्त बिजली कहां से मिलेगी? पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश में कोई भी कारख़ाना नहीं लगा. बिजली आसमान से टपकेगी? इस सवाल पर जनता के बीच से आवाज़ आई कि राहुल गांधी के विकास से बिजली आएगी.
उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से सवाल पूछते हुए कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं कि वह मुसलमानों के नेता हैं. क्या पिछले 22 सालों में मुलायम सिंह जी ने या फिर किसी और सरकार ने आप लोगों के लिए कुछ किया? क्या आप लोगों को विकास के साथ जोड़ा? बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल हुई? स्वास्थ्य सुविधाएं मिली? या फिर आप लोगो को रोज़गार दिया?’’ सवालों की इस झड़ी में जवाबों में भी नहीं की झड़ी लग गई. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यह तमाम सुविधाएं दी हैं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं कि बुंदेलखंड को इजराइल में बदल देंगे, जब बुंदेलखंड में सूखा पड़ा था और लोग परेशान थे, तो उस वक़्त वहां कोई नहीं गया और अब चुनाव है तो हैलिकॉप्टर से वहां गए, उतरे और कहा कि बुंदेलखंड को बदल देंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं ख़ुद बुंदेलखंड गया, वहां जाकर मैंने लोगों से बात की, उनके साथ खाना खाया, उनके कुंओं का पानी पीया, क्योंकि मैं ख़ुद लोगों की परेशानी को समझना चाहता था. बुंदेलखंड के किसानों ने बताया कि प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकार रही, इन सभी पार्टियों के नेताओं ने सिर्फ़ वादे ही किए, आम आदमी की मदद के लिए कुछ नहीं किया. हम उन्हें प्रधानमंत्री जी के पास ले गए और प्रधानमंत्री जी ने आठ हज़ार करोड़ रुपये की मदद की.
राहुल गांधी ने कहा कि यह काम केंद्र सरकार का नहीं था, उत्तर प्रदेश की सरकार का था, लेकिन फिर भी हमने उनकी मदद की. क्यों? क्योंकि हम आम आदमी की सरकार चलाते हैं, लोगों की इज्ज़त करते हैं, यह काम उत्तर प्रदेश के नेता नहीं करते.
उन्होंने कहा कि हमारे पास बुनकर समुदाय के लोग आए और उन्होंने हमें बताया कि बुनकरों के पास काम नहीं है, सिर पर बहुत क़र्ज़ हो गया है और कोई मदद नहीं कर रहा. हम उन्हें भी प्रधानमंत्री जी के पास ले गए, वहां बुनकरों ने कहा कि हम हिंदुस्तान के रहने वाले हैं, काम करना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार हमारा साथ नहीं दे रही. उनकी इस बात पर प्रधानमंत्री जी ने दो मिनट में ही कहा कि अगर राज्य सरकार आपका साथ नहीं दे रही तो न सही, लेकिन हम आपके साथ है और उनका क़र्ज़ माफ़ किया. हज़ारों करोड़ो रुपये की मदद की, धागे पर छूट दिलाई, बुनकर क्रेडिट कार्ड दिलाया. इसके बाद बुनकरों ने कहा कि केंद्र सरकार हमारी मदद कर रही है, लेकिन अगर यह पैसा राज्य सरकार के हाथ में जाएगा तो लोगों तक उनके हक़ का पैसा नहीं पहुंच पाएगा. इसलिए यह पैसा सीधा हमारे बैंक के खातो में ही जमा हो, तो अब उनकी मदद का पैसा सीधा उनके खातों में भेजा जा रहा है, लेकिन मायावती जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नाटक है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार का काम जनता की मदद करने का होता है, चोरी करने का नहीं. हम आम आदमी की लड़ाई लड़ते हैं, जब भट्टा-पारसौल में किसानों पर अत्याचार हुआ तो उनकी लड़ाई कांग्रेस पार्टी ने लड़ी.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आम आदमी के हक़ की बात करती है, तो विपक्ष के लोग सवाल करते हैं कि पैसा कहां से आएगा? पैसा आप लोगों की मेहनत से ही सरकार के पास आता है, आप लोग दूसरे राज्यो में जाकर काम करते हो और उन राज्यों को धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ाते हो, पैसा वहां से आता है. केंद्र सरकार आपके पैसे को ही आपके पास भेजने का काम करती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने सच्चर आयोग बनाया और जब सच्चर आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विकास में पिछड़ रहे हैं तो दिल्ली की सरकार ने हर ज़िले में उनके विकास के लिए पैसा भेजा. बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये भेजे, जो उत्तर प्रदेश में जनता तक नहीं पहुंचे.
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण देने का काम किया तो मुलायम सिंह जी ने कहा कि कम दिया, मैं होता तो ज़्यादा देता और जब पत्रकारों ने पहले उनसे इस बारे में सवाल किया था तो उस वक़्त मुलायम सिंह जी ने कुछ नहीं कहा, पूरी तरह से सन्नाटा था. ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उस वक़्त भी उन्होंने यह काम नहीं किया और जब कांग्रेस पार्टी ने दिया तो कह दिया कि कम दिया, ज़्यादा होना चाहिए था.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुलायम सिंह जी चुनाव के वक़्त सिर्फ़ वादे करते हैं कि बिजली मुफ्त देंगे, बुंदेलखंड को इजराइल में बदल देंगे, ज़रूरतमंदों को इलाज के लिए विदेश भेजेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश में अस्पतालों को सही ढंग से नहीं चलाया. मायावती जी कहती हैं कि आरक्षण के मामले पर उन्होंने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी थी.
राहुल गांधी ने कहा कि पोस्टकार्ड लिखने मात्र से ही सब कुछ नहीं हो जाता. अगर मायावती जी चाहतीं तो ख़ुद भी यह काम कर सकती थीं. गैर-कांग्रेस सरकारों ने उत्तर प्रदेश को 22 साल तक चलाया, लेकिन किया कुछ भी नहीं, सिवाय वादों के.
उन्होंने कहा कि मैं यहां आप लोगों से वादे करने नहीं आया हूं. हमारा मक़सद उत्तर प्रदेश को बदलना है, उसको विकास में शामिल करना है. कांग्रेस पार्टी की सरकार लोगों के लिए जो भी कर सकती है, करती है. हम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चलाते हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग बनाते हैं. लोगों को मनरेगा, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार दिया और अब भोजन का अधिकार देने की बात कर रहे हैं. हम दूसरी पार्टियों की तरह ढेर सारे वादे नहीं करते, हम लिस्ट बना कर काम करते हैं और योजनाओं को लागू करते हैं.
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां जाति और धर्म के नाम पर लोगों के साथ राजनीति करती हैं. उत्तर प्रदेश में लोगों को बेरोज़गारी भत्ता देने की बात की जाती है, रोज़गार नहीं मिलता, उच्च शिक्षा नहीं मिलती, स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलतीं.
उन्होंने जनता से पूछा कि क्या किसी ने पिछले पांच सालों में मायावती जी या फिर मुलायम सिंह जी को किसी गांव में देखा है या किसी से बात करते हुए देखा है? इस पर जनता ने कहा- नहीं.
राहुल गांधी ने बिजनौर की एक जनसभा में मौजूद सिख वर्ग के लोगों से कहा कि आपने हमें मनमोहन सिंह जी जैसे प्रधानमंत्री को दिया वह भी एक बार नहीं दो बार, इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं आप लोगों के साथ खड़ा हो सकता हूं, आपका हाथ पकड़ सकता हूं, आपकी आवाज़ को विधानसभा और संसद में पुहंचा सकता हूं, लेकिन उत्तर प्रदेश में बदलाव लाने का काम आप लोगों को ही करना है. जब तक उत्तर प्रदेश के लोग जाति और धर्म की बातें छोड़कर एक साथ खड़े नहीं होंगे, उस वक़्त तक प्रदेश में बदलाव नहीं आ सकता. उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हो सकता, और उत्तर प्रदेश को विकास में शामिल किए बिना हिंदुस्तान आगे नहीं बढ़ सकता. इसलिए अभी सही वक़्त है, उठो, जागो और बदलो उत्तर प्रदेश को.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
बरेली (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने ने लोगों से कहा कि इस क्षेत्र में ज़री का काम होता है, आप लोगों के लिए बसपा और सपा की सरकार ने क्या किया? कुछ भी नहीं. आपके नेता कहते हैं कि ये कर देंगे, वो कर देंगे, लेकिन करते कुछ नहीं. सिरौली में एक पुल की ज़रूरत है, क्या आप लोग बताएंगे कि इस पुल की मांग आपने कब की थी? राहुल गांधी के इस सवाल के जवाब में जनता ने कहा कि लगभग पिछले बीस सालों से इस पुल को बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन किसी भी नेता ने खोखले वादे करने के अलावा कुछ नहीं किया.
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में जब जनता से पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश में रही ग़ैर कांग्रेसी सरकारों के साथ उनके अनुभव के बारे में पूछा तो, जनता ने उन्हें बताया कि पिछली ग़ैर कांग्रेसी सरकारों के शासन में जनता को सिर्फ़ लूटा ही गया है. इसके बाद राहुल गांधी ने बताया कि मैं जब भी उत्तर प्रदेश के किसी गांव में जाता हूं तो वहां के लोग मुझे यही बताते हैं कि उन्हें लूटा जा रहा है.
राहुल गांधी ने जनता से सवाल किया कि क्या किसी ने भी पिछले पांच सालों में किसी भी नेता को किसी गांव में लोगों के बीच देखा है या फिर उनसे बात करते हुए देखा है? इस सवाल के जवाब में जनता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के नेता कभी भी अपने क्षेत्र में दिखाई ही नहीं देते.  इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नेता ऐसा इसलिए करते है, क्योंकि वह समझते हैं कि जनता को कुछ भी समझ नहीं है, लेकिन मैं यह बात जनता हूं कि जितनी जानकारी यहां की जनता को है, वह न तो किसी मंत्री को है और न ही लखनऊ मै बैठे हुए नेताओं को है.
उन्होंने कहा कि आप लोग महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों में काम की तलाश में जाते हो, वहां काम करते हो और उन राज्यों में विकास करते हो, जबकि आप लोगों को ख़ुद आपके ही प्रदेश में काम नहीं मिलता है. राहुल गांधी ने लोगों से कहा कि आप लोग दूसरे राज्यों में जाकर काम करते हो, सड़कें बनाते हो, उद्योगों को चलाते हो, जिससे उन राज्यों का विकास होता है और विकास से ही सरकार के पास पैसा आता है. अगर आप दूसरे राज्यों में जाकर काम करने वाले मज़दूरों से बात करेंगे तो वह आपको बताएंगे कि वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. सही बात है या नहीं? राहुल गांधी ने जनता से यह सवाल किया तो हज़ारों लोगों ने एक साथ कहा कि सही बात है.
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस क्षेत्र में ज़री का काम तो होता है, लेकिन नेता लोगों की मदद नहीं करते. दिल्ली में हमारी भी सरकार है. कांग्रेस पार्टी ने जनता को मनरेगा दिया, जिसमें काम करने वाले हर आदमी को 120 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिनों तक कुल 12000 रुपये देने की व्यवस्था की. बुंदेलखंड में सूखा पड़ा था, किसान बेहाल थे तो उस वक़्त न तो वहां मुलायम सिंह जी गए और न ही मायवती जी. किसानों ने हमसे कहा तो हमने उनकी मदद की, प्रधानमंत्री जी ने उन्हें आठ हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया. इसके बाद बुनकर हमारे पास आए और बताया कि पिछले 22  सालों से राज्य सरकारें उनकी तरफ़ ध्यान नहीं दे रही हैं और न उनकी मदद कर रही हैं. प्रधानमंत्री जी ने उनका भी क़र्ज़ माफ़ किया, उन्हें करोड़ों रुपये का पैकेज दिया, बुनकर क्रेडिड कार्ड दिलाया, धागे पर छूट दी और अब उन्हें बैंक से दो लाख रुपये तक का लोन भी मिल रहा है.
इस पर मायावती जी कहती है कि यह सब कांग्रेस पार्टी का नाटक है, जब मैं आप लोगों के पास आता हूं, आपकी बात को समझने की कोशिश करता हूं तो कहा जाता है कि राहुल गांधी नाटक कर रहा है. मुलायम सिंह जी और बीजेपी के लोग पूछते है कि पैसा कहां से आएगा?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमारा काम दिल्ली की सरकार चलाना है, उत्तर प्रदेश की सरकार हम नहीं चलाते. हमारा काम आपके विकास और आपकी मदद के लिए पैसा भेजने का है, हम हज़ारों करोड़ रुपये भेजते भी हैं, लेकिन वह पैसा आप तक नहीं पहुंचता, उसे लखनऊ में बैठा जादू का हाथी खा जाता है. पिछले तीन-चार महीनों में मायावती जी ने अपने 22 मंत्रियों को हटाया है, जबकि उन मंत्रियों ने पांच सालों तक राज किया और जनता को लूटा. अब मायावती जी कहती है कि वह सब भ्रष्ट हैं और मैं उन्हें निकाल रही हूं.
बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन जैसे नेताओं ने पैसा लूटा है और यह पैसा न तो प्रधानमंत्री जी का है, न सोनिया गांधी जी का और न ही उत्तर प्रदेश सरकार का, यह पैसा आपका है, जो सरकार के पास आपकी मेहनत की बदौलत आया है. सरकार के पास पहले पैसे की कमी थी, लेकिन अब नहीं. इसलिए अब कांग्रेस पार्टी जनता को भोजन का अधिकार देने की बात कर रही है, जिसमें हर ग़रीब परिवार को 35 किलो अनाज मिलेगा. इस योजना के लिए भी कांग्रेस सरकार हज़ारों करोड़ रुपये भेजेगी, लेकिन वह भी आप तक नहीं पहुंचेगा, क्योंकि उसे भी हाथी खा जाएगा. उन्होंने कहा कि चाहे हाथी हो या फिर साइकिल, दोनो को चलाने के लिए इतने रुपयों की ज़रूरत नहीं होती.
राहुल गांधी ने मुलायम सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं कि मैं मुसलमानों का नेता हूं, लेकिन उनके लिए करते कुछ नहीं. राहुल गांधी ने सभा में बड़ी संख्या में मौजूद अल्पसंख्यक तबक़े के लोगों से पूछा कि आप लोग ही बताइए कि क्या मुलायम जी ने आप लोगों के लिए कुछ किया है? क्या आप लोगों को मदद मिली, क्या आपको बच्चों को अच्छी तालीम हासिल हुई? जिसके जवाब में लोगों ने कहा कि नहीं कुछ नहीं किया. इसके बाद कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही सच्चर आयोग बनाया और अल्पसंख्यकों को विकास के लिए हज़ारों करोड़ रुपये भेजे, बच्चों की अच्छी तालीम के लिए करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति भेजी, जो असम, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों तक तो पहुंच गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में लोगों तक नहीं पहुंची.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण देने का काम किया और मुलायम सिंह जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कम आरक्षण दिया, अगर मैं होता तो ज़्यादा करता, लेकिन जब शुरुआत में पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया था तो उस वक़्त मुलायम सिंह जी ने कोई जवाब नहीं दिया, सिर्फ़ सन्नाटा ही था.  और तो और वह ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उस वक़्त  उन्होंने कुछ नहीं किया. अगर वह चाहते तो अपनी सरकार के कार्यकाल में आरक्षण दे सकते थे, जैसे केरल और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि हम यहां आप लोगों की लड़ाई लड़ने के लिए आए हैं. किसानों-मजदूरों का साथ देने के लिए आए हैं. पिछले 22 सालों में भाजपा, सपा और बसपा ने जनता से कई वादे किए हैं, लेकिन मैं आप लोगों से कोई वादा नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि जब तक, उत्तर प्रदेश में बदलाव नहीं आएगा, मैं यहां से पीछे नहीं हटूंगा, आप लोगों के साथ खड़ा रहूंगा. आप कांग्रेस पार्टी को पांच साल दीजिए, उत्तर प्रदेश में बदलाव शुरू हो जाएगा और अगले दस सालों में कोई भी उत्तर प्रदेश को पहचान नहीं सकेगा. आप लोगों में शक्ति है, इसलिए उत्तर प्रदेश को बदलना की बड़ी बात नहीं है. अब आप लोगों को अपनी लड़ाई अपने लिए लड़नी है, जिसमें मैं आप लोगों के साथ खड़ा हूं.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
बरेली (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने ज़िले की भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के धौरी टांडा क्षेत्र में विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों से सरकार और जनता की बीच जुड़ाव से संबंधित सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलो ने कभी जात के नाम पर तो कभी धर्म का सहारा लेकर अपनी सरकारें बनाई हैं. क्या आप लोगों को पिछले 22 सालों की सरकार में कोई मज़ा आया? क्या आप लोगों को सरकार से कुछ हासिल हुआ? क्या प्रदेश का विकास हुआ? जनता ने राहुल गांधी के इन सवालों का एक के बाद एक ‘‘नहीं’’ कहकर जवाब दिया.
राहुल गांधी ने सपा नेता मुलायम सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि अब चुनाव का वक़्त है तो मुलायम सिंह जी कह रहे हैं कि बिजली मुफ्त में देंगे, लेकिन बिजली कहां से आएगी? जब पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश में एक भी नया कारख़ाना नहीं लगा. मुलायम सिंह जी अब कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजराइल में तब्दील कर देंगे, लेकिन अगर वह बुंदेलखंड के लोगों से जाकर बात करेंगे तो उन्हें पता चल जाएगा कि वहां के लोगों को इजराइल नहीं विकास चाहिए, जिससे उनका और उनके बच्चों का भविष्य संवर सके.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं कि मैं मुसलमानों का नेता हूं. उन्होंने सभा में भारी संख्या में पहुंचे अल्पंख्यकों से से सवाल किया कि आप ही लोग बताइए, क्या पिछले 22 सालों में मुलायम सिंह जी ने आपक लिए कुछ किया है? राहुल गांधी के इस सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक जनता के बीच में से ज़ोरदार  ढंग से नहीं की आवाज़ आई. इसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सभी के लिए काम किया है. कांग्रेस पार्टी ने ही सच्चर आयोग की स्थापना की और उसकी रिपोर्ट को लागू किया. दिल्ली से केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यको के विकास के लिए हज़ारों करोड़ रुपये भेजे, बच्चों की शिक्षा के लिए करोड़ों की स्कॉलरशिप भेजी, जो केरल पहुंच गई,आंध्र पहुंच गई, असम पहुंच गई, लेकिन दिल्ली से सटे हुए उत्तर प्रदेश में ही नहीं पहुंची.
अल्पसंख्यकों की भागीदारी से जुड़े विषय पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि आप लोगों ने ही हमें बताया कि उत्तर प्रदेश में 70 से ज़्यादा ज़िले हैं, लेकिन एक जिलाधिकारी और एक पुलिस अधीक्षक ही अल्पसंख्यक हैं. इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए. आपने बताया और हमने अल्पसंख्यकों के लिए साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था की. इसके बाद मुलायम सिंह जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कम आरक्षण दिया, अगर मैं होता तो ज़्यादा देता.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उस वक़्त उन्होंने कुछ नहीं किया, जब उन्हीं की पार्टी के नेता रशीद  मसूद जी ने इस मुद्दे पर आवाज़ उठाई तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया और जब कांग्रेस आरक्षण देने की बात कर रही थी तो उस वक़्त मीडिया के लोगों ने उनसे इस बारे में सवाल किया था, उस वक़्त भी मुलायम सिंह जी कुछ नहीं बोले. अब कह रहे है कि कांग्रेस पार्टी ने कम दिया. मायवती जी कह रही है कि उन्होंने आरक्षण के मामले पर प्रधानमंत्री जी को चिट्टी लिखी थी, जबकि ख़ुद उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं, ख़ुद भी आरक्षण दे सकती थीं, जैसे दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिया, लेकिन मायावती जी ने नहीं दिया.
राहुल गांधी ने कहा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी ने पूरे देश में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ यात्रा की, लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दिया और-तो-और उन्हें उत्तराखंड, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दिया, जहां ख़ुद बीजेपी की ही सरकार है.
उन्होंने कहा कि ‘जब संसद में लोकपाल बिल पास कराना था, तो बीजेपी के लोगों ने बटन नहीं दबाया. लोकपाल बिल रोकने के बाद उस समय बीजेपी के तमाम नेता हंस रहे थे. इसके बाद बीजेपी के नेताओं ने कहा कि लोकपाल बिल हमारा सपना नहीं है. उस समय बीजेपी के लोगों ने जनता के बारे में नहीं सोचा.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बुंदेलखंड के लोग हमारे पास आए और कहा कि बुंदेलखंड में सूखा पड़ा हुआ है, किसानों की हालत बहुत ख़राब है, लोगों का जीवन बहुत मुश्किल बन गया है और राज्य सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है, तो हम उन्हें प्रधानमंत्री जी के पास ले गए और उनकी मदद की. लेकिन इसके बाद भी लोगों के पास उनके हक़ का पैसा पहुंचा ही नहीं, क्योंकि उसे बीच में ही लखनऊ में बैठा हुआ जादू का हाथी खा गया. उन्होंने कहा कि मायावती जी ने उत्तर प्रदेश में पांच साल तक राज किया और अब 22 मंत्रियों को हटा दिया, क्योंकि वह सभी भ्रष्टाचार में लिप्त थे.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा आम आदमी के बारे में ही सोचती है. कांग्रेस पार्टी ने ही आम आदमी की मदद करने के लिए मनरेगा योजना लागू की, जिसके तहत हर काम करने वाले व्यक्ति को 120 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन के कुल 12 हज़ार रुपये देने का क़ानून बनाया. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने किसानों का साठ हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और एक बार फिर से उनके लिए बैंक के दरवाज़े खोले. इसके बाद बुनकर हमारे पास आए और कहा कि उन पर भी क़र्ज़ है. कांग्रेस पार्टी ने उनका भी क़र्ज़ माफ़ किया, उनकी मदद की. बुनकरों को धागे पर छूट दिलाई, बुनकर क्रेडिट कार्ड दिलाया और बैंक से बुनकरों को दो लाख रुपये तक का लोन भी मिल रहा है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि दिल्ली में 2004 से कांग्रेस पार्टी की सरकार है और जब 2004 में आम चुनाव हो रहे थे, उस वक़्त विपक्षी दलों ने 15-20 वादे किए, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लोगों से सिर्फ़ एक ही वादा किया था कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वह आम आदमी की सरकार होगी, सबकी सरकार होगी, अगर देश में विकास होगा तो वह सबके लिए होगा. उस समय विपक्ष में एनडीए के लोग थे, जिन्होंने अंग्रेजी नारा दिया ‘‘इंडिया शाइनिंग’’, जिसका मतलब है हिंदुस्तान चमकर रहा है. राहुल गांधी ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उस वक़्त एनडीए के लोग जनता के बीच नहीं आए, किसी से बात नहीं की और सच्चाई जाने बिना ही कह दिया कि हिंदुस्तान चमक रहा है.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां के नेता लोगों के पास नहीं जाते, उनसे बात नहीं करते हैं. उन्हें लगता है कि उन्हें सब कुछ पता है, लेकिन सच्चाई यह है कि जितनी जानकारी जनता को होती है, उतनी किसी नेता को नहीं होती. इसके बाद राहुल गांधी ने लोगों से सवाल किया कि क्या पिछले पांच सालों में उन्होंने कभी मुलायम सिंह जी या फिर मायवती जी को किसी गांव में जाते देखा है या फिर लोगों से बात करते हुए देखा है? जिसका जवाब भी लोगों ने ‘‘नहीं’’ कहकर दिया. लोगों से नहीं का जवाब सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यहां के नेता सिर्फ़ अफ़सरों की बात ही सुनते है, ख़ुद  कभी भी क्षेत्र में जाकर देखते नहीं. उन्हें लगता है कि अफ़सर जो कह रहे है, वह सब सही है.
राहुल गांधी ने बताया कि 2009 में चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के लोग हमारे पास समझौते का प्रस्ताव लेकर आए थे. उस वक़्त सपा के लोगों ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश में हमारा साथ दो। इसके बाद आप दिल्ली में राज करना और हम उत्तर प्रदेश में राज करेंगे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सपा के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और जब समाजवादी पार्टी की हालत ख़राब होने लगी तो उन्होंने कल्याण सिंह को गले लगा लिया. लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी से गले नहीं मिली और न ही किसी से समझौता किया. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ उत्तर प्रदेश की जनता से ही समझौता करेगी.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों से कहा कि हम उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ चुनाव जीतने नहीं आए है, हम उत्तर प्रदेश को बदलने आए हैं और जब तक उत्तर प्रदेश बदलेगा नहीं, उस वक़्त तक राहुल गांधी यहीं आम जनता के साथ खड़ा रहेगा. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश को बदला है, दिल्ली को बदला है, महाराष्ट्र को बदला है, असम को बदला है, हरियाणा को बदला, अब उत्तर प्रदेश की बारी है. आप लोग उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाइए, उसके बाद हम मिलकर इस प्रदेश को बदलेंगे और एक बार फिर से पिछड़ गए उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर आगे बढाएंगे.
सातवें चरण में होने वाले मतदान के लिए अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान बरेली में हुई जनसभा में पहुंची भीड़ का आलम देखते ही बनता था. लोग मैदान में ठसाठस भरे हुए थे जिन्हें जगह नहीं मिल पाई वे घर की छतों और मैदान से सटी अगल-बगल की इमारतों पर खड़े होकर कांग्रेस महासचिव को ध्यान से सुन रहे थे. यहां हुई जनसभा में युवाओं के साथ-साथ मुस्लिम महिलाएं भी अपने बच्चों को गोद में लिए राहुल गांधी को सुनने पहुंची थीं.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
पंचशील नगर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा है कि हमारा देश तरक्क़ी कर रहा है, दूसरे देशों से भी लोग आकर यही कहते हैं कि हिंदुस्तान में प्रगति हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में तरक्क़ी दिखाई नहीं देती.
हापुड़ में चौधरी ताराचंद डिग्री कॉलेज के मैदान में विशाल सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली जैसे दूसरे राज्यों में रोज़गार की तलाश में जाते हैं, जहां वह काम करके उन राज्यों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन आप लोगों का ख़ुद का प्रदेश विकास की राह में काफ़ी पिछड़ गया है, जिसका कारण पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश में जनता के प्रति सरकारों की बेरुखी रही है.
राहुल गांधी की जनसभा में काफ़ी बड़ी संख्या में युवा भी पहुंचे, जिनसे उन्होंने सवाल किया कि पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकार है, क्या आप लोगों को उन सरकारों में मज़ा आया? क्या आप लोगों का विकास हुआ? क्या उत्तर प्रदेश आगे बढ़ा? उनके इस सवाल पर हज़ारों युवाओं ने एक स्वर में कहा, ‘नहीं’.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां के नेता हों या फिर मुख्यमंत्री, लोगों के बीच नहीं आते, उनसे बात नहीं करते, उनकी दिक्कतों को नहीं समझते. राहुल गांधी रोषपूर्ण स्वर में कहा कि यहां एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जनता की सुनने वाला कोई सामने नहीं आता, सिर्फ़ जनता को लूटने का काम होता है. मज़दूरों की, किसानों की, ग़रीबों की बात कोई नहीं करता, सिर्फ़ पैसे के बारे में बात करते हैं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि दिल्ली में हमारी भी सरकार है और हम हमेशा ही आम आदमी और उसके हक़ के बारे में बात करते हैं. किसानों का 60 हज़ार  करोड़ का क़र्ज़ कांग्रेस पार्टी ने ही माफ़ किया. उन्होंने कहा कि जब भट्टा में किसानों पर ज़ुल्म हुआ तो, वहां उन्हें देखने कोई नहीं गया. जब मैं ख़ुद वहां पहुंच गया तो विपक्ष के लोगों ने कहा कि राहुल गांधी पागल हो गया है, मायावती जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नाटक है. लेकिन कांग्रेस पार्टी हमेशा ही आम आदमी की पार्टी रही है और आम आदमी की ही सरकार चलाती है.
राहुल गांधी ने कहा कि आम आदमी की मदद के लिए ही कांग्रेस ने मनरेगा योजना शुरू की, जब बुनकर हमारे पास आए और उन्होंने कहा कि पिछले 22  सालों से सरकार उनकी तरफ़ ध्यान नहीं दे रही है, उन पर क़र्ज़ हो गया है तो कांग्रेस पार्टी ने ही बुनकरों का क़र्ज़ माफ़ किया, उन्हें बैंक से दो लाख रुपये तक का लोन, बुनकर क्रेडिट कार्ड दिया और उन्हें धागे पर छूट दी. पिछले 22 सालों में बुनकरों के लिए किसी ने कुछ नहीं किया. मुलायम जी आए, मायावती जी आई, लेकिन सिर्फ़ वादे किए, काम कुछ नहीं किया.
मुलायम सिंह को आड़े हाथों लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं कि मै मुसलमानों का नेता हूं. बुंदेलखंड में सूखा पड़ा था, वहां के लोग परेशान थे, उस समय मुलायम सिंह जी वहां नहीं गए और अब कहते हैं कि बुंदेलखंड को इजराइल में बदल देंगे. जब मुख्यमंत्री थे, उस समय बिजली नहीं दी और अब कह रहे हैं कि बिजली मुफ्त में देंगे.
आरक्षण के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही सच्चर कमीशन बनाया और उसकी रिपोर्ट को लागू भी किया. बच्चों के लिए स्कॉलरशिप भेजी, जो केरल पहुंच गई, आंध्र प्रदेश पहुंच गई, बंगाल पहुंच गई, लेकिन उत्तर प्रदेश नहीं पुहंची. सारा पैसा ग़ायब हो गया. जब प्रधानमंत्री जी ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण दिया तो मुलायम सिंह जी कहा, कम दिया है, ज़्यादा होना चाहिए.  जबकि ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उस समय कुछ नहीं किया, जब कांग्रेस पार्टी ने किया तो कह दिया कि कम दिया, मैं होता तो ज़्यादा करता. मायावती जी कहती हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी. राहुल गांधी ने कहा कि चिट्ठी लिखने से सब कुछ नहीं हो जाता, आप ख़ुद मुख्यमंत्री हैं, आप भी कर सकती थीं. कोई भी काम करने से ही होता है और कांग्रेस पार्टी ने काम किया है. काफ़ी सारी औद्योगिक इकाइयां हरियाणा में जा रही हैं, क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार काम करती है.
उन्होंने कहा कि पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन अब इसे ख़त्म करना है. उत्तर प्रदेश को बदलना है और यह काम उत्तर प्रदेश के युवाओं को करना है. राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के तमाम युवाओं का आह्वान किया कि धर्म और जाति की बात को छोड़कर आगे बढ़ना है और उत्तर प्रदेश को बदलना है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ‘‘हाथी और साइकिल को हटाइये, कांग्रेस का लाइए. 22 साल दूसरी पार्टियों को दिए हैं, पांच साल कांग्रेस पार्टी को दीजिए, उत्तर प्रदेश में बदलाव शुरू हो जाएगा और अगले 10 सालों में लोग उत्तर प्रदेश को पहचान नहीं पाएंगे.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश).
सवाल दर सवाल से भाषण की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी लोगों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता अपना मत देने से पहले अन्य दलों के विकास के दावे या वादों को कसौटी पर अच्छी तरह से परख लें. आज राहुल गांधी ने स्याना की जनता से जनना चाहा कि पिछले 22 सालों में ग़ैर कांग्रेसी सरकारों से क्या हासिल हुआ है. जवाब में सभा में मौजूद लोगों के हुजूम में मौजूद युवाओं के एक विशाल समूह ने कहा कि उन्हें भाजपा, सपा और बसपा के शासन में परेशानी, दंगा और बेरोज़गारी हासिल हुई है.
उन्होंने सभा में बड़ी संख्या में आए युवाओं में से एक 16 वर्षीय छात्र से उसका नाम पूछा, जिसने अपने सिर पर कांग्रेस का झंडा पहना हुआ था. उस छात्र में ने अपना नाम मोहम्मद शाकिद बताया. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि शाकिद जैसे हज़ारों युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में इन्हें रोज़गार मिलना बहुत ही मुश्किल है, इसके लिए इन्हें महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे दूसरे किसी राज्य में जाना पड़ेगा, लेकिन मै चाहता हूं कि इन्हें उत्तर प्रदेश में ही रोज़गार मिले, यहां पर अस्पताल सही तरीक़े से चलें, छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले और यह सब काम कांग्रेस पार्टी करेगी.
बुलंदशहर ज़िले के स्याना क्षेत्र में सभा को संबोधित करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि जब भट्टा-पारसौल, टप्पल में किसानों की ज़मीन बसपा सरकार ने ज़बरदस्ती ली तो कहा कि प्रदेश का विकास हो रहा है, लेकिन जब विकास के नाम पर हड़पकर बिल्डरों को आगे बेची गई ज़मीन का किसानों ने वाजिब मुआवज़ा मांगा तो उन्हें हक़ के बदले गोली मिली. यहां किसानों से ज़मीन लेकर बिल्डरों को दी जा रही है और उसका फ़ायदा हाथी हड़प रहा है. उत्तर प्रदेश में किसानों की ज़मीन पर बिल्डर कमाएगा और हाथी नोट खाएगा.
युवाओं के बाद राहुल गांधी ने किसानों से सवाल किया कि पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश की सरकार ने क्या आप लोगों को ज़रूरत पड़ने पर पानी दिया, बिजली दी? सभा में आए तमाम किसानों जवाब में नहीं कहकर अपनी आवाज़ बुलंद की.
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जब हम किसानों के बीच गए तो किसानों ने हमें बताया कि किस तरह से क़र्ज़ के कारण उनका जीवन कठिन हो गया है और मदद के लिए न तो प्रदेश सरकार अपना हाथ बढ़ा रही है और न ही बैंक उन्हें नया क़र्ज़ दे रहे हैं. तब केंद्र सरकार ने किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया और एक बार फिर से उनके लिए बैंक के दरवाज़े खोले.
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नेता सिर्फ़ वादे ही करते है और जब वादे पूरे करने की बारी आती है, उस वक़्त सब ग़ायब हो जाते हैं. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की सरकार है. 2004 में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले कांग्रेस पार्टी ने लोगों से सिर्फ़ एक ही वादा किया था, आम आदमी की सरकार का, जिसे पूरा भी किया. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हम काम करते हैं, इसलिए 2004 के बाद 2009 में लोगों ने कांग्रेस पार्टी को चुना. हम सबकी सरकार चलाते है, किसी एक जाति-धर्म की नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश पिछले 22 सालों से कोई काम नहीं हो रहा, सिर्फ़ जात और धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है.
राहुल गांधी ने कहा कि 2004 में सरकार बनने के बाद हम दूसरे नेताओं की तरह एसी कमरों में बैठे नहीं रहे. हम आप लोगों के पास आए और आपसे ही पूछा कि आपके लिए क्या कर सकते है? आपने ही हमें बताया कि गांव के मुक़ाबले शहरों में रोज़गार आसानी से मिल जाता है, जिसके कारण लगातार पलायान हो रहा है. युवा रोज़गार के लिए शहरों में बस जाते हैं और परिवार गांव में पीछे छूट जाता है. इसलिए गांव में भी रोज़गार मिलना चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने हर काम करने वाले व्यक्ति को 120 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से साल में 100 दिनों तक कुल 12000 हज़ार रुपये देने का मनरेगा क़ानून बनाया. यह तब हुआ, जब हम आपके पास आए और आपने हमें बताया, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मायवती जी कहती है कि मनरेगा से किसी को फ़ायदा नहीं होता. दूसरी तरफ़ बीजेपी के लोग सवाल उठाते है कि पैसा कहां से आएगा? जब हमने दिखा दिया कि आप लोगों ने देश की प्रगति की है, सरकार के पास पैसा उस तरक्क़ी के ज़रिये आता है, तो उन्होंने कहा कि पैसा ज़ाया हो रहा है.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को बताया कि कांग्रेस पार्टी अब लोगों को भोजन का अधिकार देने की बात कर रही है, जिसमें हर ग़रीब परिवार को 35 किलो अनाज दिया जाएगा. इस योजना के लागू होने के बाद देश में कोई भी भूखा नहीं रहेगा, लेकिन मायावती जी फिर से कह रही हैं कि यह कांग्रेस पार्टी का नाटक है. मुलायम सिंह जी और बीजेपी के लोग सवाल कर रहे है कि पैसा कहां से आएगा? राहुल गांधी ने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी देश के लोगों के हित में कोई काम करती है तो विपक्ष के लोग उसे या तो कांग्रेस पार्टी का नाटक बताते हैं या फिर सवाल करते हैं कि पैसा कहां से आएगा?
राहुल गांधी ने कहा कि हमने सच्चर आयोग बनाकर उसकी सिफ़ारिशों को लागू किया. सच्चर आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि अल्पसंख्यक पिछड़ रहे हैं, उन्हें मदद की ज़रूरत है, तो हमने उनके विकास के लिए पैसा भेजा. छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपये की छात्रवृति भेजी, जो केरल पहुंच गई, असम पहुंच गई, आंध्र प्रदेश पहुंच गई, महाराष्ट्र तक पहुंच गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं पहुंची, क्योंकि यहां लोगों के हक़ का पैसा कभी हाथी खा जाता है, कभी साइकिल ले जाती है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आ गए है तो मुलायम सिंह जी कहते हैं कि बिजली मुफ्त दे देंगे, लेकिन बिजली देंगे कहां से, जब पिछले 22 सालों से प्रदेश में कोई भी कारख़ाना नहीं लगा है. मुलायम सिंह जी चुनाव के वक़्त ही कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजराइल में बदल देंगे, लेकिन जब बुंदेलखंड में सूखा पड़ा था और लोग बेहाल थे, उस वक़्त वहां उन किसानों का हाल जानने के लिए कोई नहीं पहुंचा.
राहुल गांधी ने कहा कि जब बुनकर हमारे पास आए और हमसे कहा कि पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश की सरकार उनकी तरफ़ ध्यान नहीं दे रही है, जिसके कारण उनका व्यवसाय चौपट हो रहा है. उन्हें मदद की ज़रूरत है, तो प्रधानमंत्री जी ने उनका क़र्ज़ माफ़ किया और उनकी मदद की. बुनकरों को बैंक से दो लाख रुपये तक लोन और बुनकर क्रेडिट कार्ड देने की व्यवस्था की और अब मुलायम सिंह जी कहते हैं कि वह बुनकरों के हक़ की लड़ाई लड़ेंगे.
आरक्षण मुद्दे पर राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण दिया तो मुलायम सिंह जी ने कहा कि कम दिया, अगर वह होते तो ज़्यादा देते, लेकिन जब आरक्षण देने के बारे में पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो वह कुछ नहीं बोले, सिर्फ़ सन्नाटा ही था, और तो और वह ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उस वक़्त भी उन्होंने यह काम नहीं किया और जब उन्हीं की पार्टी के रशीद मसूद जी ने आरक्षण देने की मांग की तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
राहुल गांधी ने सभा में आए तमाम लोगों से कहा कि आप लोगों ने दूसरे दलों को 22 साल दिए है, अब पांच साल कांग्रेस को दें, उत्तर प्रदेश में बदलाव दिखाई देने लगेगा और अगले दस सालों में दूसरे राज्य के लोग उत्तर प्रदेश को पहचान नहीं सकेंगे. हम यहां चुनाव जीतने नहीं आए है, हमारा मक़सद उत्तर प्रदेश को बदलना है. राहुल गांधी ने कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश बदलेगा नहीं, तब तक राहुल गांधी यहीं लोगों के बीच में ही नज़र आएगा. उन्होंने कहा कि बदलाव लाने का काम युवा करते है और उत्तर प्रदेश के युवाओं पर मुझे पूरा भरोसा है. अब बदलाव का समय है, इसलिए हाथी और साइकिल को हटाओ और कांग्रेस की सरकार लाओ.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश).
छर्रा विधानसभा क्षेत्र में जैसे ही कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पहुंचे, जनसभा में मौजूद हज़ारों लोगों के हुजूम ने गर्मजोशी के साथ उनका अभिनंदन किया. लोगों में इस गर्मजोशी को देखकर राहुल गांधी बरबस ही कह पड़े कि स मीटिंग में बहुत जोश है. उन्होंने अपना संबोधन, लोगों से उत्तर प्रदेश में पिछले 22 सालों में सत्ता में रही भाजपा, सपा और बसपा की सरकारों के रिपोर्ट कार्ड के बारे में सवाल करते हुए शुरू किया.
राहुल गांधी ने जनता से पूछा कि क्या पिछले 22 सालों में इन ग़ैर कांग्रेसी सरकारों ने प्रदेश में कोई विकास का काम किया है? जनता ने भी कुछ ही पलों में पिछली सरकारों के कामकाज को ध्यान में रखते हुए उन्हें नाकाम बताया और राहुल गांधी को नहीं में अपना जवाब सुनाया. जनता का जवाब सुनने के बाद राहुल गांधी ने लोगों को बताया कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार है, जो आम आदमी की सरकार है और वहां विकास हकीकत में दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि 2004 में भी कांग्रेस पार्टी ने लोगों से यही कहा था कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वह आम आदमी की सरकार होगी, हर धर्म की सरकार होगी, सबकी सरकार होगी, न कि बसपा या फिर सपा के विचारों की सरकार होगी, जो धर्म और जाति के नाम पर सत्ता हासिल करते हैं और प्रदेश के मात्र 10 फ़ीसदी लोगों की सरकार बनाते हैं, बाक़ी 90 फ़ीसदी जनता की तरफ़ कोई ध्यान नहीं देते.
राहुल गांधी ने कहा कि 2004 में बनी आम आदमी की सरकार ने आम आदमी की सोच की मदद से मनरेगा दिया, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना दी. सूचना का अधिकार दिया, किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया और उनके लिए बैंक के दरवाज़े एक बार फिर से खोले, जब बुनकर व्यवसाय डूब रहा था और जब उन्होंने कांग्रेस से मदद मांगी तो हम उन्हें प्रधानमंत्री जी के पास ले गए, जहां दो मिनट में ही प्रधानमंत्री जी ने उनकी मदद की. बुनकरों का क़र्ज़ माफ़ किया और उनके लिए दो लाख रुपये तक बैंक लोन और बुनकर क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था भी की. इसके बाद जब बुनकरों ने बताया कि अगर उनके हक़ का पैसा अगर लखनऊ पहुंच गया तो सब ग़ायब  हो जाएगा, इसलिए उनको दिया जाने वाला पैसा सीधा उनके खाते में ही जमा हो, तो हमने वह व्यवस्था भी की.
इसके बाद अचानक कांग्रेस महासचिव की नज़र वहां खड़े लगभग 20 वर्षीय युवा पर पड़ी. मंच से ही राहुल गांधी ने उस युवा से उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम सलमान बताया. इसके बाद उन्होंने उस युवा से उसके कामकाज के बारे में सवाल किया तो सलमान ने बताया कि वह चाय बेचता है. सलमान की यह बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि यहां पर सलमान चाय बेचता है, मेहनत करता है और दूसरी तरफ़ लखनऊ में लोग उसके हक़ और विकास का पैसा खा जाते हैं. सलमान यहां पर अपना पसीना बहाता है और लखनऊ में उसकी मेहनत की इज्ज़त तक नहीं की जाती.
कांग्रेस महासचिव ने बड़े ही रोचक अंदाज़ में कहा कि मुलायम सिंह जी कहते है कि मुफ्त में बिजली देंगे, इसके बाद उन्होंने सलमान से सवाल किया कि सलमान तुम ख़ुद  बताओं कि क्या बिजली मुफ्त में ही आ जाती है? राहुल गांधी के इस सवाल पर सलमान ने कहा कि बिजली तो आती ही नहीं. इसके बाद राहुल गांधी ने सलमान से पूछा कि क्या आज तक किसी दूसरे नेता ने तुमसे कभी बात की, या फिर तुमसे कुछ पूछा? इस सवाल के जवाब में सलमान ने तपाक से जवाब दिया कि हमें आज तक किसी भी नेता ने नहीं पूछा, ग़रीबों की कोई नहीं सुनता.
राहुल गांधी ने लोगों से कहा कि मेहनत करने का जो जज़्बा, ईमानदारी और जानकारी यहां सलमान के पास है, वह लखनऊ में बैठे हुए नेताओं के पास नहीं है. मैं यहां ऐसे ही युवाओं के हाथ खोलने आया हूं, उनका साथ देने के लिए आया हूं, ताकि उत्तर प्रदेश का भविष्य सुधर सके. जिस दिन उत्तर प्रदेश में युवाओं के हाथ खुल गए तो उस दिन उत्तर प्रदेश विकास की राह पर तेज़ी से दौड़ने लगेगा, जिसे सारा देश देखेगा.
उन्होंने लोगों से कहा कि आप लोग हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और तमाम उन राज्यों में जाकर देखिए, जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है. आपको वहां पर विकास दिखाई देगा, प्रगति दिखाई देगी. उत्तर प्रदेश में सब केवल विकास की बात ही करते हैं, लेकिन जब विकास करने की बारी आती है, तो कोई दिखाई नहीं देता. लेकिन अब उत्तर प्रदेश की जनता की उम्मीदों के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है, अब इसे बदलना है और बदलाव के इस काम की सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी युवाओं पर है, क्योंकि वही देश का भविष्य हैं.
आख़िर में कांग्रेस महासचिव ने एक बार फिर अपने अडिग इरादों के बारे में बताते हुए कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश में बदलाव नहीं आएगा, मैं यहां से हटूंगा नहीं. हमेशा आपके साथ ही खड़ा रहूंगा.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने चरथावल क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने से पहले हज़ारों लोगों से सवाल करके उन्हें इस प्रदेश की बदहाली के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया. राहुल गांधी ने लोगों से पूछा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 22 सालों से बीजेपी, सपा और बसपा की सरकार है, क्या आप लोगों को इन सरकारों के कार्यकाल के दौरान मज़ा आया? क्या पिछले 22 सालों में आप लोगों को उत्तर प्रदेश में विकास दिखाई दिया? क्या उत्तर प्रदेश बाक़ी दूसरे राज्यों की तरह आगे बढ़ा? हज़ारों लोगों ने सोचकर एक साथ जवाब दिया, नहीं!
इसके बाद राहुल गांधी ने एक और सवाल दाग़ा कि जिन्होंने पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश पर राज किया और विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया, क्या वो अब उत्तर प्रदेश को बदल पाएंगे? उनके इस सवाल पर जनसभा में कुछ पलों के लिए सन्नाटा छा गया. इस सन्नाटे को तोड़ते हुए राहुल गांधी ने ही लोगों के बताया कि जो लोग पिछले 22 सालों में कुछ नहीं कर सके, तो अब क्या करेंगे?
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी राजनीतिक दल प्रदेश को तोड़ने की राजनीति करते हैं. जात-बिरादरी के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाते है और राज करते हैं. हमारी भी सरकार है 2004 से दिल्ली में, लेकिन हम जात और धर्म की बात नहीं करते, हम आम आदमी की बात करते हैं, जिसमें हर तबके के लोग शामिल हैं.
राहुल गांधी ने लोगों से सवाल किया कि क्या पिछले पांच सालों में किसी ने भी मुलायम सिंह जी या फिर मायावती जी को किसी गांव में लोगों से बात करते हुए देखा है? जनता ने कहा नहीं. उन्होंने बताया कि मैंने उन्हें दिल्ली में देखा है. मायावती जी 30 फुट ऊंची दीवारों से घिरे हुए घर के अंदर ही रहती हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार लोगों की इज्ज़त नहीं करतीं. इज्ज़त का मतलब होता है कि सरकार लोगों के पास आए, उनसे उनकी समस्याओं के बारे में बात करे और पूछे कि उनके लिए क्या किया जा सकता है?
कांग्रेस महासचिव ने सपा मुखिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मुलायम सिंह जी कहते है कि मै मुसलमानों का नेता हूं. तीन बार वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने क्या किया?क्या उन्होंने मुसलमानों को उच्च शिक्षा में शामिल किया-नहीं. क्या ग़रीब तबक़े के लोगों को उनका हक़ दिया-नहीं. क्या बुनकरों की मदद की, नहीं. कांग्रेस पार्टी ने सच्चर कमीशन बनाया और उसकी रिपोर्ट को लागू किया. हमने दिल्ली से मुस्लिम समुदाय के पिछड़े तबक़े की मदद के लिए करोड़ों रुपया भेजा, जो लोगों तक नहीं पहुंचा. करोड़ों रुपये छात्रवृति के लिए भेजे. वो पैसा दिल्ली से चला तो आंध्र पहुंच गया, केरल पहुंच गया, मणिपुर और मिजोरम भी पहुंच गया, लेकिन दिल्ली से 100 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश में नहीं पहुंचा. उत्तर प्रदेश में पैसे का सिर्फ़ एक ही रूट है, दिल्ली-लखनऊ, जहां पहुंचकर यह सारा पैसा ग़ायब हो जाता है.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों के लिए साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण का इंतज़ाम किया तो मुलायम सिंह जी कहने लगे कि कम दिया, मैं होता तो ज़्यादा देता,  जबकि ख़ुद तीन बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे, तब उन्होंने कुछ नहीं किया और आरक्षण देने के बारे में पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उस वक़्त भी कुछ नहीं बोले, सिर्फ़ सन्नाटा ही था. उन्हीं की पार्टी में रहे राशीद मसूद जी ने इस बारे में आवाज़ उठाई थी, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो विकास हुआ है, उसमें आपका हाथ है. हरियाणा और पंजाब में लहराती हुई फसलों में लगी मेहनत में आपका हाथ है. अब वक़्त उत्तर प्रदेश को बदलने का है. यहां युवाओं के हाथ खोलने की ज़रूरत है और अगर ऐसा हो गया तो उत्तर प्रदेश की तरक्क़ी से देश के तमाम राज्य हैरान हो जाएंगे.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को बताया कि केंद्र में 2004 से 2009 तक कांग्रेस की सरकार रही और उसके बाद 2009 से अभी तक कांग्रेस की सरकार है. इस दौरान हिंदुस्तान का विकास हुआ है. देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इन सबके बीच देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश अपनी गति और दिशा खो चुका है तथा बाक़ी राज्यों से काफ़ी पिछड़ गया है, जिसका कारण उत्तर प्रदेश में पिछले 22 सालों के दौरान आम आदमी की सरकार का नहीं होना है.
उन्होंने लोगों को राजनीतिक दलों की सोच के बारे में समझाने के लिए 2004 में एनडीए द्वारा दिए गए नारे के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि 2004 में विपक्ष के लोगों ने अंग्रेजी में नारा दिया था- ‘इंडिया शाइनिंग’, जिसका मतलब था ‘हिंदुस्तान चमक रहा है’. जब पत्रकारों ने उनसे इस नारे के बारे में पूछा कि उन्हें हिंदुस्तान के चमकने की बात कहां से सूझी, तो उनके एक बड़े नेता ने बताया कि एक रात उन्हें टेलीविजन पर एक चमचमाते सूट के विज्ञापन को देखकर यह नारा सूझा, जिसमें एक आदमी दूसरे आदमी के चमकते हुए सूट को छू़कर कहता है कि इंडिया शाइनिंग.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं इस नारे के बारे में इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि नारे से राजनीतिक दलों की सोच के बारे में पता चलता है. उनकी सोच थी कि हिंदुस्तान में प्रगति हो और उस प्रगति का फ़ायदा केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिले और वो ख़ुद एसी कमरों में बैठे रहें. आम आदमी को इस प्रगति से कुछ भी हासिल न हो, जबकि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि देश में प्रगति हो तो उसके साथ-साथ आम आदमी का भी विकास हो. उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी नारे नहीं देते और हमारे नारे टेलीविजन से नहीं आते. हमारे नारे आप लोगों के बीच से ही आते हैं.

उन्होंने बताया कि 2004 में सरकार बनने के बाद हम एसी कमरों में बैठे नहीं रहे. आप लोगों के पास आए और आपसे कहा कि दिल्ली में आपकी अपनी सरकार है, बताइये, आपके लिए क्या किया जा सकता है? आप लोगों ने हमें रोज़गार की समस्या के बारे में बताया. हमने मनरेगा योजना को लागू किया, जिससे लोगों को काफ़ी फ़ायदा हुआ. आप चाहें तो उन तमाम राज्यों में जाकर देख सकते हैं कि मनरेगा से किसी को फ़ायदा हुआ या नहीं. अगर आप आंध्र प्रदेश जाकर गांव की महिलाओं से सवाल करेंगे, तो वहां आपको पता चलेगा मनरेगा के तहत उनके द्वारा किए गए काम का सारा ब्यौरा इंटरनेट पर मौजूद है. अगर आप महाराष्ट्र में जाकर पूछोगे तो कहा जाएगा कि मनरेगा ने ग़रीब जनता को खड़ा कर दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मनरेगा चलाया ही नहीं गया. जब प्रदेश में मुलायम सिंह जी मुख्यमंत्री थे तो उस दौरान मनरेगा सही तरीक़े से लागू ही नहीं किया गया. सभी जॉब कार्ड छीन लिए गए और कहा कि बेरोज़गारी भत्ता देंगे. उन्हें सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों को रोज़गार दे रही है और मुलायम सिंह जी कहते है कि बेरोज़गारी भत्ता देंगे, रोज़गार नहीं देंगे. मायवती जी ने कहा कि मनरेगा से लोगों को कोई फ़ायदा नहीं हुआ. सच ही है, क्योंकि मनरेगा से तो बसपा के मंत्रियों को ही फ़ायदा हुआ और लखनऊ में बैठे हुए जादू के हाथी को फ़ायदा हुआ.
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा लागू करके हम फिर आप लोगों के पास आए और पूछा कि रोज़गार दिया है और क्या करने की ज़रूरत है? इस बार किसानों ने हमें बताया कि उनके सिर पर क़र्ज़ चढ़ा हुआ है, खेती के लिए बैंक से किसी तरह से क़र्ज़ नहीं मिल रहा है. अमीर साहूकारों को बैंक तुरंत ही पैसा दे देते हैं, जबकि किसानों को बैंक से भगा दिया जाता है. इसके बाद हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और किसानों के लिए बैंक के दरवाज़े एक बार फिर से खोले.
उन्होंने कहा कि हमारे पास बुनकर आए. उन्होंने हमें बताया कि उन पर क़र्ज़ है. उन्हें धागा नहीं मिलता. उनकी मदद के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार कुछ नहीं कर रही है. हम बुनकरों को प्रधानमंत्री जी के पास ले गए. राहुल गांधी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व है कि प्रधानमंत्री जी ने दो मिनट में ही कह दिया कि अगर राज्य सरकार बुनकरों के साथ नहीं है तो न सहीं, लेकिन केंद्र सरकार इनकी अपनी है. हम बुनकरों की मदद करेंगे. हमने बुनकरों का क़र्ज़ माफ़ कराया. उन्हें बैंक से दो लाख रुपये तक का लोन, बुनकर क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था की. इसके तुरंत बाद ही बुनकरों ने प्रधानमंत्री जी से कहा कि अगर आप हमारी मदद करना चाहते हैं तो हमें दिया जाने वाला पैसा सीधा हमारे खातों में जमा करवाइये. इसे उत्तर प्रदेश सरकार के हाथों में नहीं दीजिए, नहीं तो लखनऊ में यह सारा पैसा चोरी हो जाएगा.
राहुल गांधी ने कहा कि अब हम भोजन के अधिकार की बात कर रहे है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा प्रोग्राम है. इसके तहत हर ग़रीब परीवार को 35 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा, लेकिन विपक्ष में बैठे भाजपा, बसपा और सपा के लोग पूछते है कि पैसा कहां से आएगा? उन्होंने लोगों को बताया कि देश में जो प्रगति हुई है, उससे सरकार के पास पैसा आता है और वो प्रगति आप लाए हो, बुनकर लाए हैं, मज़दूर लाए हैं, किसान लाए हैं. प्रगति अमीर आदमी नहीं, आम आदमी लाया है. उन्होंने कहा कि जब हम लोगों के हक़ की बात करते हैं तो पूछा जाता है कि पैसा कहां से आएगा?

किसानों की दुर्दशा के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने बताया कि भट्टा-पारसौल में किसानों के साथ जो कुछ भी हुआ, वो सबको पता है. वहां किसानों से जबरन उनकी ज़मीन छीनी गई. विपक्ष के लोग वहां नहीं गए,  लेकिन मैं गया और वहां जाकर मैने लोगों का हाल देखा और उनसे बात की. किसान कभी भी विकास के ख़िलाफ़ नहीं रहे. अगर कहीं विकास की बात होती है तो किसान ख़ुद आगे बढ़ कर आते हैं, लेकिन किसान की ज़मीन को इमारतें बनाने के लिए भू-माफ़िया को दिया जाता है और किसान अपनी ज़मीन का बाज़ार  भाव के हिसाब से सही मूल्य मांगता है, तो बदले मे उसे गोली मिलती है.

राहुल गांधी ने बताया कि भट्टा-पारसौल में एक महिला ने मुझे बताया कि एक दिन वह अपने खेतों में काम करने के लिए गई, उस वक़्त वहां एक बिल्डर के कुछ लोग खड़े थे, जिन्होंने उस महिला से कहा कि यह ज़मीन उसकी नहीं है, जब उस महिला ने पुलिस से मदद मांगी तो उसे कहा गया कि उसकी ज़मीन अधिगृहित कर ली गई है और उन बिल्डरों को दे दी गई है. किसानों से उनकी ज़मीन ले ली गई और उन्हें इस बारे में पता भी नहीं चला. इस सबके बावजूद जब उस महिला ने कहा कि उसे उसकी ज़मीन से फ़सल काटने दी जाए तो उसे ऐसा नहीं करने दिया गया, बल्कि उसकी फ़सल में आग लगा दी गई. उस महिला ने मुझसे कहा कि सारी बातें एक तरफ़ हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने उनकी बात भी नहीं सुनी और न ही उनकी मेहनत की, उनके काम की इज्ज़त नहीं की गई.
राहुल गांधी ने कहा कि जिसकी नीयत साफ़ होती है, उसे वादों की ज़रूरत नहीं होती. मैं इस सभा में पिछले 20 मिनट से बोल रहा हूं, लेकिन मैने आपसे एक भी वादा नहीं किया, क्योंकि मै यहां आप लोगों से वादे करने नहीं आया हूं, मै यहां काम करने के लिए आया हूं. कांग्रेस पार्टी का काम है लोगों के पास जाना, उनसे बात करना, उनकी समस्याओं को सुनना और लोगों की आवाज़ को लखनऊ और दिल्ली तक पहुंचाना.
दूसरे लोग बड़े-बड़े वादे करते है. आप मुलायम सिंह जी के पास जाइए, कई वादे सुनने को मिलेंगे. जैसे 24 घंटे बिजली दे देंगे, बुंदेलखंड को इजराइल बना देंगे. जब काम की बात होती है तो कोई दिखाई नहीं देता और न ही देंगे, लेकिन राहुल गांधी आगे भी दिखाई देगा और हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा.

स्टार न्यूज़ एजेंसी  
मैनपुरी (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के गढ़ में घुसकर उनके खोखले वादों की धज्जियां उड़ा कर रख दीं .  अपना संबोधन समाप्त करके वे फिर वापस माईक की तरफ़ लौटे और वहां पहुंचे हज़ारों युवाओं से मुख़ातिब होकर कहा कि बड़ी मज़ेदार मीटिंग थी. क्रिश्चियन मैदान में राहुल गांधी ने युवाओं से सवाल किया कि पिछले 22 सालों से बीजेपी, बीएसपी, समाजवादी पार्टी की सरकारें आईं, आपको मज़ा आया? उत्तर प्रदेश आगे बढ़ा? मैदान में अधिकांश युवा मौजूद थे, सभी ने नहीं कहा तो राहुल गांधी ने कहा कि आवाज़ नहीं आ रही.  इस पर पूरे मैदान ने ज़ोरदार ढंग से ‘नहीं’ की आवाज़ उन तक तक पहुंचा दी.

राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को सिर्फ़ एक व्यक्ति ही बदल सकता है वह है यहां का युवा, जितनी शक्ति यहां है, उतनी किसी प्रदेश में नहीं है. आपको रोज़गार  के लिए दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है. हमारे युवा दूसरे प्रदेशों को अपने हाथों से आगे बढ़ाते हैं. महाराष्ट्र जब आगे बढ़ जाता है, तो शिवसेना के लोग मारते हैं. कहते हैं कहां से आए? यूपी के हो भागो यहां से. दिल्ली रात को सोती है, तो यूपी के युवा मेट्रो बनाते हैं. पूछने पर यहां से आए 90 प्रतिशत लोग बताते हैं कि यूपी में रोज़गार नहीं मिलता.

उन्होंने कहा कि 2004 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी. कांग्रेस ने लोगों को रोज़गार दिलवाया, 120 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन का रोज़गार. आपने बताया कि गांव में रोज़गार नहीं मिलता. मुलायम सिंह जी की सरकार थी तब, उन्होंने मनरेगा नहीं चलाया. उनके मंत्रियों ने पैसा चोरी कर लिया. अब कह रहे हैं बेरोज़गारी भत्ता देंगे. आपको रोज़गार चाहिए या बेरोज़गारी? उन्होंने सवाल किया.

राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां आपसे वादे करने नहीं आया. 22 सालों से आपको रोज़गार के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र जैसे दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह जी अब चुनाव से पहले कह रहे हैं कि बिजली मुफ्त दे दूंगा, पानी दे दूंगा, किसानों की ज़रूरत पूरी करेंगे, इलाज के लिए देश के बाहर भेज देंगे. तीन बार जब मुख्यमंत्री थे तब 2-3 घंटे बिजली आती थी. लोगों ने मुझे दिखाया कि बिजली नहीं आती है, मगर दस-बारह हज़ार का बिल आ जाता है. कहां से देंगे मुफ्त में बिजली? पिछले 22 साल से एक भी कारख़ाना नहीं लगा. तीन बार मुख्यमंत्री थे तब बिजली दी ही नहीं, अब चौथी बार बनाओ मुख्यमंत्री तो मुफ्त बिजली दे देंगे.

उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले मुलायम सिंह जी कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजरायल में बदल देंगे. जब वहां सूखा पड़ा, तो लोगों ने कहा कि लखनऊ की सरकार मदद नहीं करती. हम बुंदेलखंड गए, ग़रीबों को ले जाकर प्रधानमंत्री जी के कांफ्रेंस रूम में बैठाया, लोगों ने प्रधानमंत्री जी को समस्या बताई, दो मिनट में 8000 करोड़ का बुंदेलखंड पैकेज प्रधानमंत्री जी ने दिया.

राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र ने जैसे ही 8000 करोड़ रुपये बुंदेलखंड के लिए भेजे. मायावती जी ने लखनऊ में जादू का पालतू हाथी बनवाया है, जो ग़रीबों के पैसे खाता है. उसकी सूंड़ घूमी उधर और वह खा गया बुंदेलखंड के ग़रीबों का पैसा.
उन्होंने बताया कि बुनकर हमारे पास आए, उन्होंने बताया कि मुलायम सिंह जी, मायावती जी हमारी मदद नहीं करते. हमने उन्हें भी उसी कांफ्रेंस रूम में बैठाकर प्रधानमंत्री जी से मिलवाया, प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार बुनकरों की मदद नहीं कर रही तो भारत सरकार करेगी और तुरंत बुनकर पैकेज दिया. इसी तरह किसान हमारे पास आए, उन्होंने बताया कि बैंकों के दरवाज़े बंद हैं. कांग्रेस पार्टी ने 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया. किसानों के लिए  बैंकों के दरवाज़े फिर से खोले.

वहीं मुलायम सिंह जी चुनाव के पहले कहने लगे कि बुनकरों की मदद करेंगे. ये कर देंगे, वो कर देंगे. उत्तर प्रदेश वादों से आगे नहीं बढ़ने वाला. 22 सालों से आगे नहीं बढ़ा न ही बढ़ेगा. यहां के नेताओं ने युवाओं के हाथ बांध रखे हैं. मैं इस प्रदेश में बदलाव लाना चाहता हूं. यूपी में कोई कमी नहीं, यहां अस्पताल, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार, प्रगति आ सकती है.
राहुल गांधी ने युवाओं से कहा कि आपने 22 साल बर्बाद कर दिए. 22 साल का समय बहुत होता है. अब तमाशा बंद करो भईया. तंग आ गए हैं. लखनऊ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनवाइये. हम मिलकर बदल देंगे उत्तर प्रदेश को. जैसे आप अभी कहते हैं कि फ़लां सरकार चोर है, तब आप कहेंगे कि भइया सरकार काम कर रही है.

स्टार न्यूज़ एजेंसी 
जलेसर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज एटा के जलेसर में विशाल जनसभा की शुरुआत ही लोगों से सवाल पूछ कर की. उन्होंने जनता से पूछा कि 22 सालों से आपने चुनाव में वोट किया. क्या आपको लगा कि भाजपा, सपा और बसपा ने आपको फ़ायदा पहुंचाया? हज़ारों हाथ ‘नहीं’ कहते हुए राहुल गांधी की तरफ़ उठ गए.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको समझाता हूं हाथी कैसे खाता है. उन्होंने बताया कि किसान दिन भर खेतों में काम करता है. 15-20 साल पहले किसान की ज़मीन सस्ती थी, मगर अब काफ़ी महंगी हो चुकी है. आम तौर पर कोई अपनी ज़मीन बेचने जाता है तो उसे बाज़ार मूल्य मिलता है, मगर उत्तर प्रदेश में सरकार कहती है बिल्डिंग बनानी है, ज़मीन बिल्डर को देनी है तो किसान की ज़मीन छीन लो. अगर किसान चूं भी करे तो उसे गोली मार दो.
कांग्रेस महासचिव ने जनता से कहा कि कौन किसान सड़क के लिए ज़मीन नहीं देना चाहता, मगर वह सिर्फ़ यह कहता है कि उसे उसकी ज़मीन का सही दाम तो मिले. हरियाणा में किसान को उसकी ज़मीन का सही दाम मिलता है. मैं नोएडा, टप्पल, भट्टा पारसौल गया, वहां मुझे अधिकारियों ने कहा यहां क्यों आए हैं, यहां किसान नहीं नक्सल पैदा हो गए  हैं. यूपी में अगर किसान अपनी आवाज़ उठाएं तो उसे नक्सल कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मनरेगा दिया. आंध्र प्रदेश, केरल, हरियाणा में जाइए देखिये, मनरेगा से कितना फ़ायदा मिला. आंध्र प्रदेश में महिलाएं आपको बताएंगी कि उनका नाम इंटरनेट पर है, उन्हें काम मिलता है. मगर आपकी मुख्यमंत्री कहती हैं कि कांग्रेस पार्टी का नाटक है मनरेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां आपसे वादे करने नहीं आया, क्योंकि जिसकी नीयत साफ़ होती है, उसे वादे करने की ज़रूरत  नहीं पड़ती. वादे सुनने के लिए आपके पास मुलायम सिंह जी, मायावती जी जैसे नेता हैं उनसे सुन लीजिये वादे. वादों से कुछ नहीं होगा, काम करने से होगा. यहां के नेता कुछ काम नहीं करते, वादे करते हैं, चोरी करते हैं.
उन्होंने कहा कि किसान हमारे पास आए.  उन्होंने बताया कि बैंकों के दरवाज़े बंद हैं. अमीरों को बैंक क़ालीन बिछाकर क़र्ज़  देते हैं और हमें भगा देते हैं. कांग्रेस पार्टी ने 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया. किसानों के लिये बैंकों के दरवाज़े फिर से खोले. भोजन का अधिकार देने जा रहे हैं. 35 किलो मुफ्त अनाज देंगे हर ग़रीब को. इसके लिए बिल संसद में रख दिया है. मगर मायावती जी कहती हैं नाटक है, मुलायम सिंह जी कहते हैं नाटक है.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी अब कह रहे हैं कि बिजली मुफ्त दे देंगे. अमेठी के लोगों ने मुझे दिखाया कि बिजली नहीं आती है, मगर दस-पंद्रह हज़ार का बिल आ जाता है. कहां से देंगे मुफ्त में बिजली? क्या आसमान से गिराएंगे बिजली के तार. पिछले 22 साल से एक भी कारख़ाना नहीं लगा. तीन बार मुख्यमंत्री थे तब नहीं दिया, अब कह रहे हैं मुफ्त में बिजली, पानी दे देंगे.
उन्होंने कहा कि अब चुनाव के पहले मुलायम सिंह जी कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजरायल में बदल देंगे. जब वहां सूखा पड़ा तब कहां थे? मायावती जी कहती थीं कि वहां सब ठीक है. मैंने उनसे कहा कि 2 मिनट के लिए वहां जाकर अपनी आंखों से देखिये. अफ़सर सही नहीं बताते, तो कहती हैं कि मैं नहीं जाऊंगी, राहुल गांधी नाटक कर रहा है. हम वहां गए, प्रधानमंत्री जी से 5000  करोड़ की सहायता दिलवाई, पैसा हाथी खा गया.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी कहते हैं मुसलमानों के नेता हैं. क्या किया उन्होंने मुसलमानों के लिए? तीन-तीन बार मुख्यमंत्री थे. बुनकर आए उन्होंने बताया कि मुलायम सिंह जी, मायावती जी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. हमने बुनकर पैकेज दिलवाया, धागों पर छूट दिलवाई, 2 लाख का लोन दिलवाने में मदद की. कांग्रेस पार्टी ने सच्चर कमीशन बनाया, वज़ीफ़े  दिए. मगर उत्तर प्रदेश में यह नहीं पहुंचा. अल्पसंख्यकों को जब आरक्षण देने की बात की तो मुलायम ने कहा कि कम दिया मैं रहता तो ज़्यादा देता. आरक्षण की बात करने पर राशिद मसूद को पार्टी से बाहर कर दिया.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह पैसा आपका है. हिन्दुस्तान में पैसे की कोई कमी नहीं है. मगर यहां आपके पसीने का पैसा चोरी होता है. कोर्ट ने कहा कि एनआरएचएम में हज़ारों करोड़ रुपया चोरी हुआ. बसपा के मंत्री भागे. मायावती जी ने 22 मंत्रियों को 5 साल तक लूटने की छूट देने के बाद तीन महीने पहले निकाला और बीजेपी कहती है हम उनको ले लेते हैं. बीजेपी नेता भ्रष्टाचार की यात्रा निकालते हैं.
उन्होंने कहा कि हमने काम करके दिखाया है. मनरेगा, नेशनल हाईवे, 60 हज़ार करोड़ रुपये की किसान क़र्ज़ माफ़ी, बुनकर पैकेज, बुंदेलखंड पैकेज, एनआरएचएम. 22 साल आपने इनको दिए, 5 साल कांग्रेस को दीजिए, अगली बार बिना सोचे आप कांग्रेस को वोट देंगे.

स्टार न्यूज़ एजेंसी
भोगनीपुर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं. आम तौर पर चुनाव के बाद परिवर्तन आता है. मगर यहां पिछले 22 साल से चुनाव आते रहे, जाते रहे पर उत्तर प्रदेश की गाड़ी फंसी हुई है.
कानपुर देहात में आज विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस पार्टी खड़ी हो रही है और जब कांग्रेस पार्टी खड़ी होगी तो सपा और बसपा बंद होगी. सपा, बसपा किसी और पर नहीं सिर्फ़ कांग्रेस पर हमले करती है, क्योंकि ये जानते हैं कि जिस दिन कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खड़ी हो गई इनका खाता यहां से बंद हो जाएगा.
कांग्रेस महासचिव ने जनता से कहा कि 22 सालों से यहां लोग आते रहे और वादे करते रहे कि ये बदल देंगे, वो बदल देंगे. फिर उन्होंने सवाल पूछा कि क्या बदला आप बताओ हमें? पानी आया? बिजली आई? बच्चे स्कूल गए? 22 सालों से ये लोग आते हैं और बड़े-बड़े वादे कर के चले जाते हैं और बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमते हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार है हमने आपके पास आकर पूछा तो आपने बताया कि गांवों में रोज़गार नहीं है. हमने मनरेगा दिया. 120 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन का रोज़गार गारंटी के साथ दिया. हमने किसी की जाति नहीं पूछी, सबको काम मिलेगा बस दिल हिन्दुस्तानी हो. इस पर जनसभा में ज़ोरदार तालियां गूंज गईं.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं उत्तर प्रदेश के लोग काम करते हुए मिलते हैं. महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के मज़दूर काम करते मिलते हैं. दिल्ली में मेट्रो बनाई. उसके बच्चे यूपी में रहते हैं, आधी रोटी खाते हैं. मज़दूरों के हाथ फट जाते हैं काम करके. लद्दाख में फटी हुई नीली जैकेट पहने युवा मिला. उससे पूछा कि कहां से आए? सर्दी नहीं लग रही? तो उसने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोज़गार नहीं मिलता. मैं सपने देखता हूं कि उत्तर प्रदेश में रोज़गार मिले. यही सपना मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी देखते हैं. हम आपकी इज्ज़त करते हैं, आपके ज्ञान की इज्ज़त करते हैं.
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह जी अब कह रहे हैं कि बिजली मुफ्त दे देंगे. अमेठी के लोगों ने मुझे दिखाया कि बिजली नहीं आती है, मगर दस-पंद्रह हज़ार का बिल आ जाता है. कहां से देंगे मुफ्त में बिजली? क्या आसमान से गिराएंगे बिजली के तार. पिछले 22 साल से एक भी कारख़ाना नहीं लगा. तीन बार मुख्यमंत्री थे तब नहीं दी, अब कह रहे हैं मुफ्त में बिजली, पानी दे देंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी बुंदेलखंड नहीं गए. अब चुनाव आया तो कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजरायल में बदल देंगे. आपको इजरायल नहीं बुंदेलखंड चाहिए, पानी चाहिए, बिजली चाहिए, विकास चाहिए. 5 साल से मायावती जी मुख्यमंत्री हैं किसी ने एक दिन भी इन्हें गांव में रोटी खाते देखा है? ये सोचते हैं कि चुनाव के पहले जनता से मुफ्त बिजली, इजरायल का वादा कर देंगे. ऐसे नहीं चलता.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसानों से पूछा तो उन्होंने बताया कि बैंक के दरवाज़े बंद हैं, हम दिन भर मेहनत करते हैं. हमारे हाथ फट जाते हैं. आपने आज सुबह जो भोजन किया वह हम देते हैं पूरे हिन्दुस्तान को खाना खिलाते हैं. मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी ने 60 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ माफ़  किया. क्यों? क्योंकि आपने बताया, आपने समझाया.
उन्होंने कहा कि सात सालों से राजनीति में हूं और जितना ज्ञान आपमें है उतना किसी में नहीं है. मैंने विदेशों में पढ़ाई की है. मगर जहां भी जाता हूं हिन्दुस्तान का आम आदमी रास्ता दिखाता है. मज़दूरों, किसानों और युवाओं ने जितना सिखाया उतना अमेरिका, इंग्लैंड के लोग भी नहीं सिखा पाए. अमेठी में महिलाओं का समूह है जितना ज्ञान उन्हें है उतना योजना आयोग, नेता, अफ़सर को भी नहीं है.
राहुल गांधी ने कहा कि लोग कहते हैं कि राहुल गांधी पागल हो गया है. टीवी नहीं देखता, इंटरव्यू नहीं देता. गांव में चला जाता है. नाटक कर रहा है. ये लोग जितना कहेंगे उतना ही नाटक मैं और करूंगा. मुलायम सिंह जी कहते हैं मुसलमानों के नेता हैं. क्या किया उन्होंने जब तीन बार मुख्यमंत्री थे. सच्चर कमीशन बनाया, वज़ीफ़े दिए. मगर उत्तर प्रदेश में यह नहीं पहुंचा. अल्पसंख्यकों को जब मनमोहन सिंह जी ने आरक्षण देने की बात कही तो सन्नाटे में आए मुलायम ने कहा कि कम दिया मैं रहता तो ज़्यादा देता.
राहुल गांधी ने बताया कि 2009 में समाजवादी पार्टी ने बसपा की सत्ता आते देख कांग्रेस पार्टी से समझौता करने को कहा, लेकिन हमने कहा कि हम किसी से समझौता नहीं करेंगे. तो मुलायम सिंह जी ने कल्याण सिंह को गले लगा लिया. कांग्रेस पार्टी 22 सीटें जीती, क्योंकि हमने यूपी की जनता से समझौता किया.
उन्होंने एनडीए के इंडिया शाईनिंग वाले अंग्रेजी के नारे पर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि 5 साल राज किया, हेलीकॉप्टर से भारत देख लिया और कह दिया हिन्दुस्तान चमक रहा है. मैं 2004 की बात 2012 में इस लिए कह रहा हूं कि इस नारे के पीछे सोच है कि जनता से जो कहना हो कह दो. पानी नहीं मिले, बिजली नहीं मिले, मज़दूर-किसान के हाथ फटे हों, दूर से कहते हैं कि हिन्दुस्तान चमक रहा है. पता नहीं इन्हें आपके पास आने में डर लगता है, शरमाते हैं या फिर कुछ और है, जबकि सच्चाई यह है कि अगर हिन्दुस्तान में प्रगति आई तो मज़दूर और किसान लेकर आया है.
राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 10 प्रतिशत लोग चलाते हैं और हम चाहते हैं कि 100 प्रतिशत लोग उत्तर प्रदेश को आगे ले जाएं. हरियाणा, महाराष्ट्र आदि प्रदेश आगे निकल गए और उत्तर प्रदेश वहीं का वहीं खड़ा है. मैं आपकी आवाज़ दिल्ली, लखनऊ पहुंचाना चाहता हूं. अभी यह आपके गांव में ही फंसी है. मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा. एक दिन ऐसा आएगा जब आपकी आवाज़ वहां गूंजेगी, पूरी दुनिया सुनेगी. अपने आप पर भरोसा करो और घर जाकर कहो कि मैं उत्तर प्रदेश को बदलने वाला हूं, हो जाएगा, क्योंकि आपमें शक्ति है.


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