सरफ़राज़ ख़ान
हिसार (हरियाणा). चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन 4020 एकड़ के अपने रामधन सिंह बीज फार्म को स्वत: पोषी बनाने के लिए इसे कार्पोरेशन में बदलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है जो उन संस्थानों जहां कार्पोरेशन की तर्ज पर बीज उत्पादन किया जा रहा है, का दौरा कर इसका बारीकी से अध्ययन करेगी।
इस संबंध में कुलपति डॉ. के.एस. खोखर ने आज उक्त बीज फार्म पर विश्वविद्यालय की फार्म सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्त कमेटी को अध्ययन का कार्य शीघ्र निपटाने को कहा है। उन्होंने कहा कि गत अनेक वर्षों से संभवत: धन व मानव बल अभाव के कारणों से इस फार्म का विकास आज तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि कार्पोरेशन बन जाने से फार्म पर आर्थिक व मानव संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी तथा फार्म की भूमि का पूरा व सही ढंग से उपयोग हो पाएगा। उन्होंने कहा हरियाणा सरकार भी रामधन सिंह फार्म को कार्पोरेशन बनाए जाने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि पंतनगर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय में बीज का उत्पादन इसी पध्दति पर हो रहा है तथा इस कमेटी को शीघ्र वहां जाकर अध्ययन करना चाहिए।
कुलपति ने उक्त फार्म पर सिंचाई जल की बचत के लिए फव्वारा प्रणाली जैसे सिंचाई की आधुनिक विधियों को प्राथमिकता देने को कहा है। उन्होंने कहा कि जहां बहुत जरूरी है, केवल उन्हीं क्षेत्रों में सिंचाई के लिए लोर लैंड लेवलिंग की जानी चाहिए अन्यथा फव्वारा प्रणाली को ही महत्त्व दिया जाना चाहिए। डॉ. खोखर ने उक्त फार्म पर वैज्ञानिकों की कमी को शीघ्र दूर करने का भी आश्वासन दिया।
रामधन सिंह बीज फार्म के निदेशक डॉ. अशोक यादव ने बैठक में कहा कि फार्म विकास की गति धीमी जरूर है लेकिन सही दिशा में चल रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष खरीफ व रबी फसलों का करीब 13 हज़ार क्विंटल बीज उत्पादित होने की संभावना है जो गत वर्ष से करीब तीन हज़ार क्विंटल अधिक है। इसी प्रकार फार्म की आमदनी पिछले वर्ष की तीन करोड़ रुपये से बढ़कर चार करोड़ रूपए होने की उम्मीद है। उन्होंने फार्म पर सिंचाई व्यवस्था सुधार तथा अन्य गतिविधियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि फार्म पर घने जंगल को साफ करने का कार्य प्रगति पर है जो इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों फार्म के विकास के लिए सुझाव भी मांगे। बैठक में रजिस्ट्रार डॉ. आर.एस. दलाल, अनुसंधान निदेशक डॉ. आर.पी. नरवाल, कृषि कालेज के डीन डॉ. एस. एस. पाहुजा, वेटेरनरी कालेज के डीन डॉ. एस.के. नागपाल, कंपट्रोलर नवीन जैन सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष व वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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